लाइव हिंदी खबर :-चतुर्थी का चांद क्यों है अशुभ?
गणेश चतुर्थी पर गणेश पूजन करने, ज्योतिष उपाय करने और खास दान-पुण्य करने का महत्व होता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी की रात चांद देखने की मनाही होती है। कहा जाता है कि इस रात का अचांड देखने से दोष लग जाता है।
इसके पीछे एक पौराणिक कहानी प्रचलित है जिसके अनुसार हुआ यूं कि गणोशजी एक बार ब्रालोक से चंद्रलोक की ओर जा रहे थे। रात का समय था और ऊपर आसमान से चन्द्रमा उन्हें जंगलों से गुजरते हुए देख रहे थे। गणेश की असाधारण काया देखकर चंद्रमा की हंसी निकल गई और उसने गणेश जी का मजाल भी उड़ाया। यह देख गणेश को बेहद गुस्सा और आयर करोड़ में आकर उन्होंने चंद्रमा को शाप दिया। शाप देने से सभी ओर अन्धकार फैल गया। इस बात से भयभीत होकर चांद दौड़ा-दौड़ा ब्रादेव के पास गया। उन्होंने शापमुक्ति के लिए गणोश पूजा का विधान बताया। गणोशजी, चांद की पूजा से प्रसन्न हुए और उन्होंने एक दिन (चतुर्थी) देखने वाले को कलंक लगने की बात कही।
चतुर्थी पर दोष मुक्त होने के लिए उपाय
उपरोक्त कथा को आधार मानते हुए ही चतुर्थी की रात चन्द्रमा ना देखने की सलाह दी जाती है। लेकिन अगर गलती से इस रात कोई चांद देख ले तो मान्यतानुसार उसे झूठा कलंक झेलना पड़ता है।
चतुर्थी की रात लोग चन्द्रमा को अर्घ्य देखते हैं, लेकिन ऐसा चांद देखे बिना करना होता है। लेकिन यदि गलती से कोई चांद देख ले और उसके बाद इस दोष से मुक्त होना हो तो निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप कर लें:
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥