अगर चाहिए मनोवांछित विवाह का वरदान, इस दिन इस मंत्र का करें जाप

अगर चाहिए मनोवांछित विवाह का वरदान, इस दिन इस मंत्र का करें जाप

लाइव हिंदी खबर :- भगवान राम ने माता सीता के साथ अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह किया था। इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके विवाह पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाना शुभ माना जाता है।

पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान श्रीराम और सीता के शुभ विवाह के कारण यह दिन अत्यंत पवित्र है, जिसका वर्णन गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस में भी किया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में राम-सीता आदर्श दंपत्ति माने गए हैं।

इस दिन क्या करें

अगर आपकी शादी में किसी तरह की बाधा आ रही है तो इस दिन पूजा-पाठ करने से ये समस्याएं दूर हो सकती है।

मान्यता है कि इस दिन भगवान राम और सीता की उपासना करने से शादी में आने वाली सभी बाधाओं का नाश हो जाता है।

इस दिन राम-सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

मान्यता है कि इस दिन रामचरितमानस का पाठ करने से पारिवारिक जीवन सुखमय हो जाता है।

इस दिन ऊँ जानकी वल्लभाय नमः मंत्र का जप करने से मनोवांछित विवाह का वरदान मिलता है।

ध्यान रखें कि इस दिन सुबह स्नान कर सबसे पहले श्रीराम विवाह का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद राम-सीता के विवाह का कार्यक्रम प्रारंभ करें फिर भगवान राम और माता सीता के वैवाहिक स्वरूप वाली प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें। तत्पश्चात भगवान राम को पीले वस्त्र और माता सीता को लाल वस्त्र का अर्पण करें। इसके बाद भगवान राम और सीता का गठबंधन कर आरती करें। अंत में गांठ लगे वस्त्र को अपने पास रख लें। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।

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