लाइव हिंदी खबर :- क्या आपने कभी पत्थर को हिलाने से बारिश होने के बारे में सुना है? सुनने में भले ही यह अजीबो-गरीब लगे, लेकिन ऎसा आश्चर्यजनक पत्थर जिले के ग्राम मोलसनार के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। ग्रामीणों के बीच मान्यता है कि भीम देवता रूपी कल (कल का अर्थ पत्थर) को हिलाने के सप्ताह भर के भीतर बारिश होती है। बरसात सीजन में बारिश कम होने की स्थिति से आसपास के ग्रामीण यहां पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि इस मानसून सीजन में बारिश कम होने की स्थिति से लगभग आसपास के 60 ग्रामों के ग्रामीण यहां पूजा अर्चना करने पहुंचे थे। दंतेवाड़ा विकासखंड के ग्राम मोलसनार के आश्रित ग्राम उदेला से करीब दो किमी दूर पहाड़ी के बीच आश्चर्यजनक पत्थर स्थित है। कई वर्षो से ग्रामीण इस पत्थर को भीमकल (स्थानीय भीमूनकल) के नाम से पूजते आ रहे हैं। उदेला गांव के स्थानीय पुजारी गणेश पदम की माने तो बारिश के लिए भीमकल की देवता के रूप में पूजा अर्चना की परंपरा पूर्वजों के दौर से चली आ रही है।
मान्यतानुसार बारिश नहीं होने व सूखे की स्थिति में समूचे क्षेत्र के दूरस्थ गांवों से ग्रामीण यहां श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं। विधिविधान से श्रीफल, अगरबत्ती, सिंदूर आदि पूजन सामग्रियों से पूजा अर्चना बाद उसे हिलाया जाता है। मान्यता है कि इससे भीमकल प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है।