लाइव हिंदी खबर :- हमारे शरीर में तीन तरह की प्रकृति होती है वात वित्त और कफ। जब यह तीनों बिगड़ जाते हैं तो हमारे शरीर में बहुत सारी बीमारियां पनपने लगती हैं। तो हमें इन तीनों का बैलेंस एकदम बराबर रखना पड़ता है जिससे कि शरीर पर इसका बुरा असर ना पड़े। तो आज हम क्या सावधानी रखनी पड़ती है इसके बारे में बताएंगे।
- जिनको भी हड्डियों में दर्द है जोड़ों में दर्द है मांसपेशियों में दर्द है और संधिगत वात और कॉस्टगत वात होता है। जिनको भी वायु रोग है उनको खट्टी चीजें नहीं खानी हैं। इसके अलावा इनको नींबू, दही इनका सेवन भी बंद करना होगा क्योंकि यह खट्टी चीजें होती हैं और खट्टी चीजों से वायु रोग बढ़ता है।
- जोड़ों के दर्द में फूलगोभी, खीरा, मटर और उड़द की दाल इन चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए क्योंकि इनसे जोड़ों का दर्द बढ़ने लगता है।
- पित्त रोग होने पर गर्म चीजें नहीं खानी चाहिए खाना खाने के 1 घंटे बाद पानी पीना चाहिए। कच्चा भोजन ज्यादा खाना चाहिए जैसे सलाद। हमारे भोजन में 50 परसेंट कच्चा भोजन होना चाहिए। ज्यादा पका खाना खाएंगे तो यह एसिड बनाते हैं। पित्त रोग होने पर पत्ता गोभी, खीरा, टमाटर, चुकंदर इनका सलाद खाना चाहिए। पित्त रोग होने में अंकुरित चीजें ज्यादा खायें क्योंकि यह एसिड को खत्म करता है।
- यदि आपको कफ रोग हो रहा है तो आपको चिकनाई वाला खाना नहीं खाना चाहिए। घी, तेल में बनी हुई पूड़ी और पराठे नहीं खाने चाहिए और फ्रिज का रखा हुआ ठंडा पानी भी नहीं पीना होगा। इसकी जगह पर आप गर्म पानी पिया करें।
- एलोवेरा और गिलोय का जूस पीने से यह तीनों प्रकृति हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा आपको योगा और आसन करने पड़ेंगे जिससे आपको बहुत राहत मिलेगी। कपालभाति, अनुलोम विलोम दोनों को एक-एक घंटा करने से तीनों प्रकृति से जुड़ी हुई बीमारियां हमेशा के लिए खत्म हो जाती हैं।