लाइव हिंदी खबर :-पवनपुत्र हनुमान को कलियुग का देवता कहा जाता है। इनके भक्त इन्हें हमेशा संकटमोचन नाम से पुकारते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा को ‘हनुमान जयंती’ के रूप में मनाया जाता है। इस साल 31 मार्च 2018 को है हनुमान जयंती। यह त्योहार हिंदू धर्म के त्योहारों में से खास माना जाता है। इस दिन हनुमान भक्त बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं। मंदिरों में हनुमान जी के भजन, चालीसा की गूंज बजने लगता है।
हिन्दू धर्म में हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्मोस्तव के रूप में मनाया जाता है। हर साल हनुमान जयंती चैत्र मास (हिन्दू माह) की पूर्णिमा को मनाई जाती है, हालांकि कई स्थानों में यह पर्व कार्तिक मास (हिन्दू माह) के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन भी मनाई जाती है।
इस दिन लोग सुबह उठकर सबसे पहले भगवान हनुमान का स्मरण करते हैं। नित्य क्रिया करने के बाद ये बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए कोई हनुमान चालीसा करता है तो कोई उनके लिए पूरे दिन उपवास रखता है। सुबह से ही भक्त हनुमान मंदिरों में दर्शन के लिए कतार में खड़े हो जाते हैं। बजरंगबली को कलयुग का देवता कहा जाता है। इनकी माता का नाम अंजना था जो एक अप्सरा थीं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार केसरी श्री हनुमान जी के पिता थे। वे सुमेरू के राजा थे और केसरी बृहस्पति के पुत्र थे।
अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों की भगवान शिव की घोर तपस्या की और परिणाम स्वरूप उन्होंने संतान के रूप में हनुमानजी को प्राप्त किया। ऐसा विश्वसा है कि हनुमानजी भगवान शिव के ही अवतार हैं।
31 मार्च को हनुमान जयंती पड़ रही है यह दिन शनिवार का दिन है। शनिवार का दिन वैसे भी बजरंगबली का दिन माना जाता है। अगर आप इस दिन इन मंत्रों का जाप करेंगे तो कई समस्या दूर हो जाएंगी।
आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर!
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!
मूल मंत्र: हं हनुमंते नम:
इन मंत्रों के जप से होता है कष्टों का निवारण
1.हनुमन्नंजनी सुनो वायुपुत्र महाबल:।
अकस्मादागतोत्पांत नाशयाशु नमोस्तुते।।
2. द्वादशाक्षर हनुमान मंत्र : ऊँ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
3. महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते।
हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
4. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय।
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।
5. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
6. ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
7. हनुमान अंगद रन गाजे।
हांके सुनकृत रजनीचर भाजे।।