लाइव हिंदी खबर :-साल का अंतिम माह होने के कारण फाल्गुन का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में हिंदू धर्म के दो खास त्योहार आते हैं, पहला शिवरात्रि और दूसरा होली। दोनों ही त्यौहारों का अपना महत्व है और इसे हर हिन्दू धूम धाम से मनाता है।
त्यौहारों के अलावा शास्त्रों में फाल्गुन के महीने को खास महत्व प्राप्त है। मान्यता है कि यह महीना बेहद शुभ होता है और इसकी शुभता को देखते हुए हिन्दू शास्त्रों में कई उपाय भी दर्ज हैं। इस उपायों को करने से मनुष्य जीवन को सरल एवं सुखमयी बनाया जा सकता है। सुख प्राप्ति और दुखों से छुटकारा पाने के अलावा संतान प्राप्ति और मन की किसी विशेष इच्छा को पूर्ण करने का भी सही समय है फाल्गुन का महीना।
फाल्गुन के महीने में श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का महत्व होता है। इस माह में भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप को पूजा जाता है। कृष्ण पूजन कर आप उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन कैसे आइए आपको बताते हैं:
– फाल्गुन के महीने में अपने घर पर श्रीकृष्ण की मूर्ती स्थापित करें या कम से कम उनकी तस्वीर को घर के मंदिर में रखें और रोजाना नमन करें।
– कृष्ण बीज मंत्र या ‘हरे कृष्णा’ नाम का नियमित जाप करें।
– भगवान कृष्ण या विष्णु जी के किसी भी मंत्रा का लगातार 11 दिनों तक जाप करें, साधना पूर्ण होते ही किसी कर्म कांडी की मदद से हवन आदि भी करवा सकते हैं।
– संभव हो तो सप्ताह में एक दिन व्रत करें। बृहस्पतिवार के दिन भगवान कृष्ण का संकल्प कर व्रत करने से वे प्रसन्न होंगे।
– व्रत करने वाले भगवान कृष्ण की सुबह पूजा अवश्य करें और उन्हें फूल और अबीर अर्पित करना ना भूलें। आगे जानें शास्त्रों में दर्ज भगवान कृष्ण की सरल पूजा विधि:
ऐसे करें श्रीकृष्ण की पूजा
1. भगवान श्रीकृष्ण की स्थापना के लिए सबसे जरूरी होता है उनके लिए आसन। भागवन श्री कृष्ण का आसन बहुत ही खूबसूरत होना चाहिए।
2. श्रीकृष्ण की पूजा करने से पहले पाघ में स्वच्छ जल और फूलों की पंखुड़ियां डालें और उससे भगवान कृष्ण के चरणों को धोएं। पाघ उस बर्तन को कहते हैं जिसमें श्रीकृष्ण के पांव धोए जाते हैं।
3. भगवान श्री कृष्ण को पंचामृत से भोग करें। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से पंचामृत बनता है।
4. श्रीकृष्ण की पूजा में दूर्वा घास, कुमकुम, चावल, अबीर,अगरु, सुगंधित और शुद्ध जल से अनुलेपन करना चाहिए।
5. भगवान श्रीकृष्ण के भोज में मिठाइयां, लड्डू, मिश्री, खीर, तुलसी के पत्ते और फल शामिल होना चाहिए।