लाइव हिंदी खबर :-साउथ इंडिया की मंदिरों की खूबसूरती देखने साल भर देश-विदेश से लोग आते हैं। भारत के दक्षिण में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर दुनियाभर में लोकप्रिय है। इस मंदिर की ना केवल वास्तुकला प्रसिद्ध है बल्कि यहां के चमत्कार भी लोगों को अचंभित कर देते हैं। भगवान वेंकेटेश्वर की तिरुपति बालाजी का ये मंदिर उन्हीं खूबसूरत मंदिरों में से एक है। यहां ना सिर्फ लोग इस मंदिर की खूबसूरती देखने आते हैं बल्कि यहां प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू को खाने भी लोग दुनिया भर से आते हैं। इसे भारत की सबसे अमीर मंदिरों में से एक माना जाता है।
क्या है मंदिर की कहानी
कहा जाता है कि सन् 1600 में मंदिर को 12 साल के बंद कर दिया गया था और एक राजा ने 12 लोगों को मारकर दीवार पर लटका दिया था। उन लोगों ने कोई गलती की थी जिस पर राजा ने क्रोध में आकर ये सब किया था। मान्यता है कि उस समय विमान वेंकटेश्वर प्रकट हुए थे। तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में एक खास बात ये भी प्रचलित है कि इस मंदिर की यात्रा कोई भी श्रद्धालु तभी पूरी कर सकता है जब वो भगवान वेंकटेश की पत्नी पद्मावती के दर्शन करता है। देवी पद्मावती को मां लक्ष्मी का स्वरूप कहा जाता है। तिरुपति से मां पद्मावती का मंदिर 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
तिरुपति बालाजी मंदिर की रसोई है खास
तिरुपति बालाजी की रसोई में भी रोज हजारों-लाखों भक्तों के लिए प्रसाद बनता है। यहां पर प्रसाद के रूप में रोज 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं। साथ ही भंडारे में लाखों लोगों के लिए खाना भी बनाया जाता है जिसे यहां आने वाले पर्यटक बिना कोई शुल्क दिए खा सकते हैं।
300 साल पुराना है यहां के लड्डू का राज
मंदिर से आते हुए भक्त यहां से प्रसाद के रूप में जो लड्डू घर ले जाते हैं। तिरुपति में जो लड्डू मिलते है उनको किशमिश, बेसन, काजू, चीनी, इलायची आदि अन्य चीजे डाल कर बनाया जाता हैं और आपको जानकार हैरानी होगी कि इस लड्डू को आप तीन महीनों तक खा सकते हैं। यह तीन महीने तक खराब नहीं होते। यहां के कुछ गिने हुए खास रसोइयों को इसको बनाने की जिम्मेदारी दी हुई है। ये सभी रसोइये लड्डूओं को मंदिर की गुप्त रसोई में तैयार करते है।
लड्डू के लिए लेनी पड़ती है टिकट
अगर आप कम समय में जल्दी दर्शन करना चाहते हैं तो तिरुपति बालाजी मंदिर में आपके लिए खास सुविधा उपलब्ध है। इस मंदिर में आप 300 रुपए का शीघ्र दर्शन वाला टिकट खरीदकर दर्शन कर सकते हैं। इन लोगों को दो लड्डू फ्री में दिए जाते हैं और जो लोग लाइन में लगकर दर्शन करते हैं वो अपनी इच्छानुसार लड्डू खरीद सकते हैं।
लड्डू की रसोई भी है खास
बालाजी में हर रोज ताजे लड्डू बनाए जाते हैं। यहां पर रोजाना तकरीबन तीन लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं। लड्डू बनाने के लिए एक खास रसोई बनाई गई है। इन्हें बनाने वाला रसोईया भी अलग है। यहां पर इस खुफिया रसोई को ‘पोटू’ कहा जाता है। इस जगह पर मंदिर के पुजारी और कुछ खास लोगों को ही आने की इजाजत है। बाकी सबको यहां प्रवेश नहीं मिलता है। यहां पर साफ-सफाई का भी बहुत ख्याल रखा जाता है।