लाइव हिंदी खबर :- पड़ोसी देशों में लगातार बढ़ते राजनीतिक संकट और युवाओं के विरोध प्रदर्शनों पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिंता जताई है| उन्होंने कहा है कि नेपाल में हो रहे Gen-Z आंदोलन ने पूरे क्षेत्र का ध्यान अपनी ओर खींचा है| यह कोई अचानक घटित घटना नहीं, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में बनी परिस्थितियों का नतीजा है|

भूपेश बघेल ने कहा कि हमने यह हालात पहले श्रीलंका में देखे, फिर बांग्लादेश में और अब नेपाल में इन सभी जगह पर 20-30 साल की उम्र के युवाओं ने सरकारों के खिलाफ बगावत की। इसके पीछे गहरी असंतुष्टि और एंटी-गवर्नमेंट सेंटीमेंट है। उन्होंने आगे कहा कि यह स्थिति किसी भी देश के लिए शुभ संकेत नहीं है। नेपाल में जो हुआ वह अच्छा नहीं है। जब युवाओं का बड़ा वर्ग सरकार के खिलाफ खड़ा हो जाता है, तो यह लोकतंत्र और स्थिरता दोनों के बीच चुनौती बन जाता है।
बघेल ने इस बात पर भी जोर दिया है कि दक्षिण एशिया के देशों में युवाओं की आकांक्षाओं और समस्याओं को समझकर नीतियां बनानी होगी। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दे युवाओं के असंतोष को और गहरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के लिए भी यह एक सीख है, युवाओं की आवाज को समय रहते हैं सुनना चाहिए और उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए। भूपेश बघेल के बयान से यह साफ है कि कांग्रेस इसे सिर्फ पड़ोसी देशों की समस्या नहीं मान रही, बल्कि इसे एक क्षेत्रीय परिघटना के रूप में देख रही है। जिसका असर का दायरा बड़ा हो सकता है।