लाइव हिंदी खबर :- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दिल्ली की मशहूर लव कुश रामलीला में अभिनेत्री पूनम पांडे को मंडोदरी की भूमिका दिए जाने पर संत समाज ने समाज ने आपत्ति जताई है। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बयान दिया है कि हमारी अपील है कि रामलीला समितियां कुछ मर्यादा बनाए रखें। जिन कलाकारों को आप मंच पर ला रहे हैं, उनके बैकग्राउंड और आचरण पर भी विचार करें। वरना रामलीला समितियों की साख को नुकसान पहुंचेगा।

स्वामी जितेंद्रानंद का कहना है कि रामलीला केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह धार्मिक आस्था, संस्कृति और समाज के परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन है। ऐसे में इसमें शामिल होने वाले कलाकारों का जीवनचरित्र और आचरण भी समाज के लिए प्रेरक होना चाहिए। पूनम पांडे का नाम कई बार विवादों में रहा है। इसी कारण संत समाज का मानना है कि उन्हें मंडोदरी जैसी पवित्र और आदर्श चरित्र में प्रस्तुत करना उचित नहीं है। स्वामी जितेंद्रानंद ने रामलीला समितियों को चेतावनी दी गई थी। उन्होंने ऐसे फैसले बिना सोचे समझे किए तो इसका असर सीधे तौर पर उनकी साख और विश्वसनीयता पर पड़ेगा।