क्रिस्टोफर पैडिला: H-1B बीजा पर अमेरिकी सख्ती से व्यापार समझौते पर असर

लाइव हिंदी खबर :- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को वाशिंगटण में ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर व्यापार समझौते के पहले चरण पर बातचीत की। इसी बीच अमेरिका के पूर्व वाणिज्य उप सचिव और विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पैडिला ने चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा H-1B पर लगाई गई नई पाबंदियां भारत-अमेरिका व्यापार को प्रभावित कर सकती है। पैडिला ने कहा कि भारत के लिए कुशल कर्मियों के वीजा हमेशा से प्राथमिकता का मुद्दा रहे हैं।

क्रिस्टोफर पैडिला: H-1B बीजा पर अमेरिकी सख्ती से व्यापार समझौते पर असर

यह पहले भी व्यापारिक वार्ताओं में उठाया जा रहा है, नई पाबंदी इस संवेदनशील समय में बातचीत को और जटिल बना देगी। राष्ट्रपति ट्रम्प शुक्रवार को एक प्रोक्लमेशन पर हस्ताक्षर किए। जिसके तहत हर नए आवेदन पर $100000 की एकमुश्त फीस तय की गई। शुरुआती भ्रम के बाद व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि वह यह शुल्क केवल नये आवेदनों पर लागू होगा। मौजूदा या नवीनीकरण वाले आवेदनों पर नहीं। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने कहा कि यह कदम अमेरिकी कामगारों की सुरक्षा के लिए है।

इससे सिस्टम की दुरुपयोग को रोका जाएगा और कंपनियां अनावश्यक आवेदन दाखिल नहीं कर पाएंगी। पैडिला ने कृषि को भी समझौते में सबसे बड़ी अडचन बताया है, उनके अनुसार भारत यदि अमेरिका मक्का जैसी फसलों के लिए बाजार खुलता है, तो उसे जीएमओ (जेनेटिकली मोडिफाइड) फसलों पर अपने प्रतिबंधों को नरम करना होता है, जो एक कठिन प्रक्रिया है। हालांकि उन्होंने सुझाव दिया कि भारत कम संवेदनशील क्षेत्रों जैसे मेवे, बीज, तेल और स्पेशलिटी फसलों में बाजार पहुंच दे सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि डेयरी उत्पादों पर अमेरिकी मांगे भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा हैं, इसलिए अमेरिका को इसमें लचीलापन दिखाना होगा। साथ ही रुस से तेल खरीद पर भारत पर लगाए गए 25% अतिरिक्त शुल्क को पैडिला ने सबसे पहले कठिन मुद्दा बताया है, जिसे भारत अपनी सार्वभौमिकता और स्वतंत्र विदेश नीति से जोड़कर देखता है। पैडिला ने अंत में कहा कि ट्रम्प प्रशासन के साथ व्यापार वार्ता का सबसे बड़ा सबक यही है कि यहां केवल अनिश्चितता ही निश्चित है।

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