लाइव हिंदी खबर :- परिवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 25 सितंबर 2025 को प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) 2002 के तहत यूपी के एजेंट नवाब हसन को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं कथित तौर पर बहुचर्चित QFX/YFX, BotBro, BotAlpha, Crossalpha और minecrypto स्कैम में अहम भूमिका निभा रहे थे। ईडी की जांच में सामने आया है कि नवाब हसन ने फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग योजना के नाम पर 10 हजार से ज्यादा निवेशकों से करोड़ों रुपए जमा कराये। यह पूरा नेटवर्क लोगों को ऊंचे मुनाफे का झांसा देकर ठगने का कार्य करता था।

जांच एजेंसी ने बताया कि नवाब हसन सीधे दुबई स्थित मास्टरमाइंड लविश चौधरी के संपर्क में था। भारत में वह निवेशकों से रकम इकट्ठा करने का काम करता था, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह पैसा सेल कंपनी और वर्चुअल करेंसी के जरिए इधर-उधर किया जाता था। ईडी अधिकारियों का कहना है कि इस स्कैम से जुड़ी रकम को क्रिप्टो वॉलेट्स, हवाला नेटवर्क और फर्जी कंपनियों के जरिए साफ किया गया।
इसे न सिर्फ छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, बल्कि भारत की वित्तीय व्यवस्था को भी चोट पहुंची। गौरतलब है कि इस घोटाले की जांच कई महीनो से जारी है। इससे पहले भी ईडी ने देशभर में छापेमारी कर करोड़ों रुपए की संपत्ति और डिजिटल एसेट्स अटैच किए थे। अब नवाब हसन की गिरफ्तारी से यह उम्मीद जताई जा रही है कि स्कैम के बाकी बड़े खिलाड़ियों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन पर भी शिकंजा कसा जाएगा। नबाव हसन को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उसके कस्टडी की मांग करेगी, ताकि नेटवर्क की गहराई से जांच की जा सके।