लाइव हिंदी खबर :- भारतीय चिकित्सा संघ ने मध्यप्रदेश में उस बाल रोग विशेषज्ञ की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है, जिसे कथित रूप से दूषित खांसी की दवा से बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया है। IMA का कहना है कि डॉक्टर सिर्फ चिकित्सकीय दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं और उन्हें दवा निर्माण में हुई गलती के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

IMA ने मांग की है कि वास्तविक दोषियों — यानी दवा निर्माताओं और नियामक संस्थाओं की लापरवाही के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए। संगठन ने कहा कि इस घटना ने पूरे देश के चिकित्सा समुदाय में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।
विरोधस्वरूप IMA ने देशभर के अपने सदस्यों से अपील की है कि वे डॉक्टर की रिहाई और मुकदमे की वापसी तक काले बिल्ले लगाकर काम करें। संगठन ने कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि चिकित्सा पेशे की गरिमा और सुरक्षा के लिए है।
IMA ने सरकार से दवा सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने, उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण पर कड़ी निगरानी रखने तथा भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि निर्दोष चिकित्सकों को अपराधी बनाया गया, तो चिकित्सक समुदाय संगठित रूप से देशव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होगा।