सीबीआई सम्मेलन में विदेशी भगोड़ों की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को प्रभावी बनाने पर जोर

सीबीआई सम्मेलन में विदेशी भगोड़ों की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को प्रभावी बनाने पर जोर

लाइव हिंदी खबर :- CBI ने हाल ही में Extradition of Fugitives – Challenges and Strategies विषय पर सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना और प्रत्यर्पण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी व कुशल बनाना था। सम्मेलन में यह तय किया गया कि भारत को विदेशों में अपराधियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के मामलों में बेहतर समन्वय और रणनीति अपनानी चाहिए, ताकि समय पर न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेज़ी लाना बेहद आवश्यक है, जिससे अपराधियों को सुरक्षित तरीके से भारत लाया जा सके। केंद्रीय गृह और सहयोग मंत्री अमित शाह ने सम्मेलन में जोर देकर कहा कि सभी प्रत्यर्पण अनुरोधों की पूर्व-परीक्षण के लिए एक विशेष सेल का गठन किया जाए। यह सेल सभी दस्तावेजों और कानूनी प्रक्रियाओं की जांच करेगा और फिर ही विदेशों के अधिकारियों को भेजा जाएगा। इससे प्रत्यर्पण के मामलों में देरी और कानूनी जटिलताओं को कम करने में मदद मिलेगी।

सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधियों की पहचान, गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण में सहयोग बढ़ाने के लिए देशों के बीच समझौते और संधियों का उपयोग करना जरूरी है। इसके अलावा, तकनीकी और डिजिटल साधनों का इस्तेमाल करके भी प्रक्रियाओं को तेज़ और सुरक्षित बनाया जा सकता है।

सम्मेलन में भाग लेने वाले कानूनी विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने भी सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनों का बेहतर समन्वय और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इससे भारत की न्यायिक प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय अपराधियों की प्रत्यर्पण क्षमता और प्रभावशीलता बढ़ेगी। इस सम्मेलन का निष्कर्ष यही रहा कि साझेदारी, तकनीकी सहयोग और कानूनी प्रक्रिया में सुधार के माध्यम से प्रत्यर्पण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा और भगोड़े अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना आसान होगा।

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