
लाइव हिंदी खबर :- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण को नोटिस जारी किया है, जिसमें दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले कुकिंग ऑयल से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरों पर गंभीर चिंता जताई गई है। आयोग ने इस मुद्दे पर राज्यवार रिपोर्ट और की गई कार्यवाही की जानकारी दो सप्ताह के भीतर देने के निर्देश दिए हैं।


NHRC ने कहा कि बाजारों, रेस्तरांओं और सड़क किनारे खाने के ठेलों में बार-बार उपयोग किए जा रहे तेल से लोगों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहे हैं। आयोग ने इसे मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा मामला बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप आवश्यक माना है। आयोग ने FSSAI से पूछा है कि खाद्य तेल के दोबारा उपयोग को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं और क्या नियमित निरीक्षण या दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है।
साथ ही इस संबंध में जनजागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया है ताकि उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों की जानकारी मिल सके। रिपोर्ट्स के अनुसार बार-बार गर्म किया गया तेल ट्रांस फैट और विषैले यौगिकों को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग, कैंसर और पाचन संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
आयोग ने कहा कि यह मामला सार्वजनिक स्वास्थ्य से सीधे जुड़ा है और राज्यों को सुनिश्चित करना चाहिए कि खाद्य विक्रेता और रेस्टोरेंट सुरक्षा मानकों का पालन करें। FSSAI को अब यह बताना होगा कि देशभर में कितने मामलों में नियमों का उल्लंघन पाया गया और आगे की रोकथाम के लिए क्या नीति कदम प्रस्तावित हैं।