
लाइव हिंदी खबर :- राजस्थान के विश्वप्रसिद्ध पुष्कर मेले के दौरान रेगिस्तानी इलाकों में एक बार फिर पारंपरिक नज़ारे देखने को मिल रहे हैं। ऊंटपालक अपने ऊंटों के झुंडों को लेकर रेतीले मैदानों से गुजरते हुए पुष्कर पहुंचे हैं। हर साल लगने वाला यह मेला राजस्थान की संस्कृति, परंपरा और लोक जीवन का जीवंत प्रतीक माना जाता है। मेले में सैकड़ों की संख्या में पशुपालक अपने ऊंटों की खरीद-बिक्री करने के साथ-साथ उन्हें सजाकर प्रदर्शित भी करते हैं।


मेले के दौरान ऊंटों की सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प बाजार पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी इस पारंपरिक उत्सव को देखने पुष्कर पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मेला न केवल व्यापार का अवसर है, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान और लोक परंपराओं का उत्सव भी है, जो हर साल रेगिस्तान की रेत पर नई रौनक बिखेर देता है।