लाइव हिंदी खबर :- चीन ने अपने तीसरे और अब तक के सबसे उन्नत एयरक्राफ्ट कैरियर फुजियान को औपचारिक रूप से अपनी नौसेना में शामिल कर लिया है। यह कदम चीन की समुद्री शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला माना जा रहा है। फुजियान के शामिल होने से अब चीन के पास तीन सक्रिय विमानवाहक पोत हो गए हैं, जिनमें लियाओनिंग और शानडोंग पहले से शामिल हैं।

‘फुजियान’ को चीन की खुद की तकनीक से विकसित किया गया है और यह पूरी तरह स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसमें उन्नत इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम लगाया गया है, जिसकी मदद से भारी और अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को आसानी से उड़ान भरने की क्षमता मिलती है। बताया जा रहा है कि इस कैरियर पर चीन के स्टेल्थ फाइटर जेट J-35 भी तैनात किए जाएंगे।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार फुजियान की तैनाती से चीन की नौसैनिक शक्ति हिंद महासागर, दक्षिण चीन सागर और ताइवान स्ट्रेट में काफी बढ़ जाएगी। यह विमानवाहक पोत लंबी दूरी की सैन्य कार्रवाई करने और एक साथ कई दिशाओं में ऑपरेशन चलाने में सक्षम है। फुजियान की लंबाई करीब 316 मीटर है और इसका वजन लगभग 80,000 टन बताया गया है। यह पूरी तरह इलेक्ट्रिक सिस्टम से संचालित होता है, जिससे इसकी गति और क्षमता दोनों में वृद्धि होती है।
अमेरिकी और जापानी रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अब अपने एयरक्राफ्ट कैरियर बेड़े के ज़रिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सामरिक पकड़ को मजबूत कर रहा है। वहीं, ताइवान ने इस कदम पर चिंता जताई है और कहा है कि चीन की यह नौसैनिक विस्तार नीति क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बन सकती है। ‘फुजियान’ के नौसेना में शामिल होने के साथ ही चीन ने साफ संकेत दिया है कि वह आने वाले वर्षों में समुद्री क्षेत्र में किसी भी वैश्विक शक्ति को चुनौती देने के लिए तैयार है।