लाइव हिंदी खबर :- सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के बहुचर्चित निठारी हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए सुरेंद्र कोली की मौत की सजा को रद्द कर दिया है और उसकी तुरंत रिहाई का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जांच और सबूतों में गंभीर खामियों के कारण कोली को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

निठारी कांड में कोली, जो मोनिंदर सिंह पंढेर का नौकर था, पर बच्चों और युवतियों की हत्या, बलात्कार और नरभक्षण जैसे अपराधों के आरोप लगे थे। पंढेर के नोएडा स्थित घर के पास से 2006 में कई बच्चों और महिलाओं के कंकाल और अवशेष मिले थे, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था।
कोली को अलग-अलग मामलों में 16 बार मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यह सजा बरकरार रखी थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। कोर्ट ने कहा कि संदेह का लाभ आरोपी को दिया जाना चाहिए।
मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विपिन सांघी की बेंच ने की। आदेश के मुताबिक कोली को अब जेल से रिहा किया जाएगा। वहीं उसके मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को पहले ही कई मामलों में बरी किया जा चुका है। यह फैसला 18 साल पुराने इस भयावह कांड में एक नया मोड़ लेकर आया है, जिसमें न्यायपालिका ने सबूतों की कमी को देखते हुए आरोपी को राहत दी है।