लाइव हिंदी खबर :- पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को एक ऐतिहासिक और विवादास्पद 27वां संवैधानिक संशोधन बिल पारित कर दिया, जिससे आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की शक्तियां अब देश की तीनों सेनाओं पर प्रभावी रूप से बढ़ गई हैं। इस बिल के पारित होने के साथ ही मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का नया पद मिलेगा, जो उन्हें थलसेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त कमान प्रदान करेगा।

नेशनल असेंबली में यह बिल 234 मतों के बहुमत से पारित हुआ, जबकि चार सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया। दो दिन पहले सीनेट ने भी इस संशोधन को मंजूरी दे दी थी। अब केवल राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के हस्ताक्षर बाकी हैं, जिसके बाद यह कानून बन जाएगा। इस संशोधन के तहत मुनीर को न केवल परमाणु हथियारों की कमांड दी जाएगी।
बल्कि वे अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद भी पद पर बने रह सकते हैं। इतना ही नहीं उन्हें आजीवन कानूनी छूट (इम्युनिटी) भी प्रदान की जाएगी। विश्लेषकों के अनुसार यह पाकिस्तान में सेना के प्रभाव को और मजबूत करने वाला कदम है, जो पहले से ही देश की राजनीति पर गहरा असर रखती है।
वहीं विपक्ष ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ कदम बताया है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने संसद में जमकर विरोध किया। कुछ सांसदों ने बिल की प्रतियां फाड़ दीं और नारेबाजी की। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह संशोधन पाकिस्तान में सैन्य वर्चस्व को संस्थागत रूप देने की दिशा में बड़ा कदम है, जिससे नागरिक शासन की भूमिका और कमजोर हो सकती है।