लाइव हिंदी खबर :- बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के हालिया मीडिया इंटरव्यू पर कड़ी नाराजगी जताई है। हसीना के बयान सामने आने के कुछ घंटे बाद ही भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर पवन बढे को ढाका के विदेश मंत्रालय में तलब किया गया। दरअसल शेख हसीना ने बुधवार को PTI न्यूज एजेंसी को दिए ईमेल इंटरव्यू में कहा था कि देश की मौजूदा मोहम्मद यूनुस सरकार कट्टरपंथियों के सहारे चल रही है|

उसकी भारत-विरोधी नीतियां खुद को नुकसान पहुंचाने वाली हैं। उन्होंने कहा कि यूनुस एक कमजोर और अराजक नेता हैं जो चरमपंथी ताकतों पर निर्भर हैं। हसीना ने स्वीकार किया कि अपने शासनकाल के आखिरी दौर में वे हालात पर नियंत्रण खो बैठीं थीं, लेकिन यह भी कहा कि कुछ छात्र नेताओं ने हिंसा को भड़काने में भूमिका निभाई, जो असल में राजनीतिक कार्यकर्ता थे।
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी वतन वापसी तभी संभव है, जब बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल होगा, अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटेगा और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे। भारत-बांग्लादेश संबंधों पर बात करते हुए हसीना ने भारत को सबसे बड़ा दोस्त बताया और कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश का अहम साझेदार रहा है। मौजूदा अंतरिम सरकार की नीतियां दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित नहीं करेंगी।
हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार जानबूझकर भारत से रिश्ते खराब कर रही है और चरमपंथी ताकतों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि यूनुस के कूटनीतिक कदम नासमझी भरे और आत्मघाती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने फरवरी 2026 के चुनावों के बहिष्कार की अपील नहीं की है, बल्कि कहा कि अगर अवामी लीग को बाहर रखा गया तो वह चुनाव वैध नहीं माने जाएंगे।