लाइव हिंदी खबर :- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तालिबान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान आने वाले तीन महीनों में पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक संबंध समाप्त कर देगा। बरादर ने कहा कि पाकिस्तान से लगती सीमाएं बंद होने के कारण हर महीने करीब 200 मिलियन डॉलर (लगभग 1700 करोड़ रुपये) का नुकसान हो रहा है।

उन्होंने सीमा बंदी को आर्थिक युद्ध बताया और पाकिस्तान से आने वाली दवाओं की खराब गुणवत्ता की भी आलोचना की। तालिबान सरकार ने अफगान व्यापारियों और उद्योगपतियों को चेतावनी दी है कि वे पाकिस्तान पर निर्भरता खत्म करें और व्यापार के लिए अन्य देशों या वैकल्पिक मार्गों की तलाश करें।
अफगानिस्तान के व्यापार मंत्री नूरुद्दीन अजीजी ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार व्यापार में बाधाएं डालता है, खासकर फलों और कृषि उत्पादों के निर्यात के समय। उनके अनुसार कि ये रुकावटें न तो तार्किक हैं और न ही न्यायसंगत, इनसे दोनों देशों को नुकसान हो रहा है।
वर्तमान में दोनों देशों के बीच तोरखम और स्पिन बोल्डक समेत पांच प्रमुख सीमा पार व्यापारिक रास्ते एक महीने से अधिक समय से बंद हैं। इन मार्गों के बंद होने से अफगानिस्तान की आर्थिक गतिविधियों और आयात-निर्यात पर गंभीर असर पड़ा है। विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला दोनों देशों के बीच पहले से बिगड़े रिश्तों को और खराब कर सकता है। वहीं तालिबान की कोशिश है कि वह मध्य एशियाई देशों के साथ नए व्यापारिक संबंध बनाकर पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम करे।