लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका सऊदी अरब को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट बेचने की तैयारी कर रहा है, लेकिन अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। उनका मानना है कि अगर यह डील होती है तो चीन तक इन विमानों की एडवांस तकनीक पहुंचने का खतरा बढ़ सकता है। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अमेरिका दौरे के दौरान 48 F-35 लड़ाकू विमानों की बड़ी डील पर बात आगे बढ़ सकती है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कहा है कि वे सऊदी को यह विमान बेचने का समर्थन करते हैं, क्योंकि वह अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी है। हालांकि पेंटागन के कई अधिकारी इस सौदे को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक बता रहे हैं।अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी और चीन के बीच पहले से मजबूत रक्षा साझेदारी मौजूद है।
ऐसे में F-35 जैसे अत्याधुनिक स्टेल्थ जेट को सऊदी को देने से चीन को अमेरिकी तकनीक तक अप्रत्यक्ष पहुंच मिल सकती है। F-35 दुनिया के सबसे उन्नत स्टेल्थ फाइटर जेट्स में गिना जाता है, जिसकी तकनीक लीक होना अमेरिका की सैन्य बढ़त के लिए बड़ा खतरा माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह डील अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति और तकनीकी श्रेष्ठता को भी कमजोर कर सकती है।