लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका और रूस के अधिकारियों की एक गुप्त बैठक को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह मीटिंग अक्टूबर में हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) के कई वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं थी। बैठक इतनी गोपनीय रखी गई कि सरकार की सामान्य प्रक्रिया को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।

रिपोर्ट का दावा है कि इसी सीक्रेट मीटिंग में यूक्रेन जंग खत्म करने के लिए 28-पॉइंट वाला प्रस्ताव तैयार किया गया। यह वही प्लान है जिसे बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी लोगों ने यूक्रेन के सामने रखा और जिसके लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की पर दबाव बढ़ रहा है।
फ्लोरिडा के मियामी में हुई इस बैठक में ट्रम्प प्रशासन के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ, ट्रम्प के दामाद जारेड कुशनर और रूस के सॉवरेन फंड RDIF के चीफ किरिल दिमित्रिएव शामिल थे। दिमित्रिएव पर 2022 से अमेरिकी प्रतिबंध लगे हुए हैं, लेकिन अमेरिका ने उन्हें इस मीटिंग के लिए विशेष अनुमति दी थी।
वे रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बेहद करीबी माने जाते हैं और यूक्रेन युद्ध पर रूस की बातचीत रणनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। सरकारी विभागों को बिना बताए ऐसी हाई-लेवल बैठक आयोजित किए जाने से अमेरिकी सिस्टम में नाराजगी फैल गई है। कई वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में यूक्रेन से जमीन छोड़ने, सेना घटाने और नाटो सैनिकों की तैनाती रोकने जैसे प्रस्तावों पर चर्चा हुई थी। हालांकि व्हाइट हाउस और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। इधर रूस ने ट्रम्प के प्रस्ताव की तारीफ की है, जबकि यूक्रेन ने कहा है कि वे सुरक्षा के लिहाज से प्लान पर चर्चा करने को तैयार हैं, लेकिन अपनी जमीन छोड़ने का फैसला आसान नहीं होगा।