लाइव हिंदी खबर :- दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तार आरोपियों डॉ. उमर नबी और डॉ. मुजम्मिल के बीच 40 लाख रुपये की फंडिंग को लेकर गंभीर विवाद था। NIA की जांच में सामने आया है कि यह रकम जमात से आई थी, जिसे ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए उपकरण और सामग्री खरीदने के लिए भेजा गया था। पैसे के खर्च और हेरफेर को लेकर दोनों के बीच लगातार झगड़े होते थे, जो इस मॉड्यूल के टूटने का भी एक कारण बना।

सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी के पास की मस्जिद के मौलवी इश्तियाक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उसी इश्तियाक के जरिए यह फंडिंग पहुंचाई गई थी। जांच में सामने आया है कि ब्लास्ट से पहले मुजम्मिल ने इस पैसे से केमिकल, बैटरी, सर्किट, वायर और कार में फिट किए जाने वाले IED के पार्ट्स खरीदे थे। इसी खर्चे के हिसाब में गड़बड़ी पर उमर और मुजम्मिल के बीच जमकर बहस हुई थी।
उधर, फरीदाबाद पुलिस ने शनिवार को धौज गांव सहित चार थाना क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। पुलिस टीमों ने कई मस्जिदों, होटलों, घरों, दुकानों और गोदामों में चेकिंग की। जांच एजेंसियों को शक है कि फंडिंग और ब्लास्ट की प्लानिंग से जुड़े कुछ और लोग फरीदाबाद और NCR में छिपे हो सकते हैं।
NIA और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें लगातार संदिग्ध जगहों पर रेड कर रही हैं। एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि 40 लाख रुपये की फंडिंग आखिर किस चैनल से भारत पहुंची और इसके पीछे जमात के कौन-कौन से सदस्य शामिल थे। अधिकारियों का कहना है कि उमर और मुजम्मिल के बीच इसी फाइनेंशियल विवाद ने उनके नेटवर्क में कई अहम सुराग दिए हैं। जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।