लाइव हिंदी खबर :- देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर बढ़ते विवाद के बीच TMC के 10 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को दिल्ली स्थित चुनाव आयोग से मिला। यह मुलाकात करीब दो घंटे चली। मुलाकात के बाद TMC सांसद डेरेक ओ’ब्रॉयन ने बाहर आकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमने सबसे पहले SIR प्रक्रिया की वजह से मरे हुए करीब 40 लोगों की लिस्ट चुनाव आयोग को सौंपी।

हमने मीटिंग की शुरुआत ही यह कहकर की कि मिस्टर कुमार और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के हाथ खून से रंगे हैं। हमने आयोग से 5 सवाल पूछे, लेकिन किसी का भी जवाब नहीं मिला। SIR को लेकर विपक्ष लगातार इसे वोट चोरी का सबसे बड़ा तरीका बता रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि SIR के दौरान अत्यधिक दबाव की वजह से जिन BLOs की मौत हुई, वह मर्डर जैसा है।
उनका दावा है कि सिर्फ 20 दिनों में 26 BLO की मौत हो चुकी है। सुप्रिया ने गोंडा के BLO विपिन यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके परिवार ने बताया कि उन पर पिछड़े वर्ग के लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का दबाव था। कांग्रेस का कहना है कि सरकार जल्दबाजी में SIR करवाकर वोटरों की बड़ी संख्या प्रभावित करना चाहती है।
SIR के खिलाफ तमिलनाडु, बंगाल और केरल की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में चल रही हैं। कोर्ट ने केंद्र और राज्यों के चुनाव आयोग से 1 दिसंबर तक जवाब मांगा है। अब याचिकाओं पर सुनवाई 2, 4 और 9 दिसंबर को होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIR पहली बार हो रहा है, यह इसे चुनौती देने का आधार नहीं बन सकता। अगर राज्यों के पास ठोस आधार होगा तो तारीख बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है और विपक्ष ने संकेत दिए हैं कि SIR विवाद संसद में बड़ा मुद्दा बनेगा। विपक्षी दलों का आरोप है कि SIR के बहाने बड़े पैमाने पर वोटर हटाए जा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि राजनीतिक दल डर का माहौल बना रहे हैं। देशभर में SIR प्रक्रिया को लेकर बहस और सियासत दोनों लगातार बढ़ रही हैं।