आसिम मुनीर की CDF पद पर नियुक्ति अटकी, PM शहबाज के लंदन जाने से बढ़ी अटकलें

लाइव हिंदी खबर :- पाकिस्तान में सत्ता और सेना के बीच चल रही खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। 27वें संवैधानिक संशोधन के बाद आर्मी चीफ को और अधिक शक्तियां देने के लिए बनाए गए नए पद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस (CDF) पर अब तक नियुक्ति नहीं हो पाई है। तय समय के तीन दिन बाद भी यह पद खाली पड़ा है।

आसिम मुनीर की CDF पद पर नियुक्ति अटकी, PM शहबाज के लंदन जाने से बढ़ी अटकलें

संविधान संशोधन के बाद उम्मीद थी कि 29 नवंबर को फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को CDF नियुक्त कर दिया जाएगा। इस पद के साथ मुनीर को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कमान भी मिलनी थी, जिससे वे देश के सबसे ताकतवर पदाधिकारी बन जाते। लेकिन इसके लिए जरूरी नोटिफिकेशन पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब तक साइन नहीं किए हैं।

स्थिति को और उलझाने वाला कदम यह रहा कि PM शहबाज 26 नवंबर को बहरीन दौरे पर गए और अगले ही दिन अनौपचारिक रूप से लंदन रवाना हो गए। उन्हें 1 दिसंबर तक पाकिस्तान लौटना था, लेकिन उनकी वापसी को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। इससे राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या शहबाज शरीफ जानबूझकर इस प्रक्रिया से दूरी बनाए हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि प्रधानमंत्री नहीं चाहते कि उन्हें मुनीर की नियुक्ति के आदेश पर हस्ताक्षर करने पड़ें। क्योंकि ऐसा करते ही मुनीर को अभूतपूर्व शक्तियाँ हासिल हो जाएंगी—जो कई राजनीतिक फैसलों पर सीधा असर डाल सकती हैं।

CDF पद के रुके होने से पाकिस्तान की राजनीति और सेना के बीच संतुलन को लेकर नए सवाल उठने लगे हैं। साथ ही यह स्पष्ट है कि शहबाज के लंदन जाने से मामला और अधिक पेचीदा हो गया है, और देश में सत्ता समीकरणों पर बड़ी बहस छिड़ गई है।

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