लाइव हिंदी खबर :- दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित NIA कोर्ट ने आतंकी गतिविधियों से जुड़े एक गंभीर मामले में जहूर अहमद पीर और नज़ीर अहमद पीर को दोषी करार दिया है। अदालत ने दोनों को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम यानी UAPA की धारा 18, 19 और 39 के तहत दोषी माना है। इन धाराओं में आतंकवादी साजिश रचना, आतंकियों को शरण देना और उन्हें मदद पहुंचाना शामिल है।

अदालत के मुताबिक, जहूर अहमद पीर और नज़ीर अहमद पीर ने पाकिस्तान से भारत में घुसे आतंकी बहादुर अली के साथ मिलकर काम किया। बहादुर अली का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाना, आतंकवादी नेटवर्क को मजबूत करना और देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाना था। जांच में सामने आया कि दोनों दोषियों ने आतंकी को स्थानीय स्तर पर सहयोग दिया और उसकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की।
NIA ने इस मामले में पुख्ता सबूत पेश किए, जिनमें गवाहों के बयान, तकनीकी साक्ष्य और जांच के दौरान जुटाई गई अन्य सामग्री शामिल थी। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि दोनों आरोपी जानबूझकर आतंकी साजिश का हिस्सा बने और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दिया।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में सख्ती बेहद जरूरी है, क्योंकि ये सीधे तौर पर देश की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े होते हैं। फिलहाल अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुरक्षित रखा है।
NIA कोर्ट दोनों दोषियों को दी जाने वाली सजा पर 8 जनवरी को अलग से आदेश सुनाएगी। इस फैसले को आतंकवाद के खिलाफ भारत की कानूनी लड़ाई में एक अहम कदम माना जा रहा है।