नई दिल्ली, 21 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड में बफीर्ले तूफान के कारण आई आपदा के बाद अभी तक 67 व्यक्तियों के शव बरामद हो चुके हैं। इस त्रासदी में कुल 204 व्यक्ति लापता हुए हैं। रविवार को उत्तराखंड के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने ऋषिगंगा के निकट बनी झील का मुआयना किया। इनमें भूवैज्ञानिक, पर्यावरण वैज्ञानिक एवं हिमालयी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं।
उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र के निदेशक डॉ. एमपी बिष्ट ने बताया कि उच्च उपगृह से प्राप्त आंकड़ो के आधार पर रौथीधार में मलवा आने से बनी प्राकृतिक झील एवं उसके आसपास आ रहे परिवर्तन जैसे पानी का उतार चढ़ाव, मलबे की ऊंचाई में कमी और नई जलधाराओं का बनना जारी है।
लापता होने वालों में सबसे अधिक लोग यहां काम करने वाली ऋषि गंगा और ऋषित्वि नामक कंपनियों के कर्मचारी हैं। ऋषि गंगा कंपनी के 53, ऋषित्वि कंपनी के 21 और ऋषित्वि कंपनी की सहयोगी कंपनी के 91 कर्मचारी उत्तराखंड में आए इस बफीर्ले तूफान में लापता हुए हैं।
अभी तक बरामद किए गए 67 शवों में से केवल 34 शवों की पहचान हो सकी है। जबकि 33 शव अभी भी अज्ञात हैं। उत्तराखंड प्रशासन विभिन्न एजेंसियों की मदद से 137 लापता लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रहा है।
कीचड़ का रुप ले चुका मलबा यहां राहत एवं बचाव कार्य में सबसे बड़ी रूकावट बन रहा है। राहत एवं बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक साफ किए जाने के बाद भी कीचड़ का यह मलबा वापस लौट कर आ रहा है।
उत्तराखंड प्रशासन ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक 162 मीटर मलबा साफ किया गया है। प्रशासन के मुताबिक यहां एक टनल में 25 से 35 व्यक्तियों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है हालांकि अभी तक यहां से 13 शव निकाले जा सके हैं।
–आईएएनएस
जीसीबी-एसकेपी
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