अगर पाना चाहते हैं शिव की कृपा तो भूलकर भी ना करें ये 10 काम, श्रावण मास में बन रहा दुर्लभ योग

अगर पाना चाहते हैं शिव की कृपा तो भूलकर भी ना करें ये 10 काम, श्रावण मास में बन रहा दुर्लभ योग, लाइव हिंदी खबर :-हर साल की तरह इस साल भी हकत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक उपाय करेंगे। ज्योतिष परिणामों के अनुसार इस साल का सावन का महीना दुर्लभ योग के साथ आ रहा है।

श्रावण नक्षत्र, मकर राशि और कर्क लग्न के साथ यह महीना शुरू हो रहा है। मकर राशि का स्वामी शनि और कर्क का स्वामी चन्द्र, दोनों ही सम शत्रु हैं। परिणामस्वरूप सी बार श्रावण में राजसी योग बन रहा है। इसका लाभ पाने के लिए भगवान शिव के नाम अथवा मंत्रों का नियमित जाप, रुद्राभिषेक, व्रत और उन्हें प्रसन्न करने के उपायों को निरंतर करने की सलाह दी जा रही है। ऐसा करने वाले को अनेकों लाभ मिल सकते हैं।

लेकिन श्रावण के इस महीने में भगवान शिव आपसे नाराज ना हो जाएं, इसलिए लिए आगे बताए जा रहे 10 कार्यों को करने से बचें:

– श्रावण के महीने में शरीर पर तिल का तेल नहीं लगाना चाहिए
– पूजा के दौरान भूल से भी शिवलिंग पर हल्दी ना चढ़ाएं। शिव पूजा में हल्दी का प्रयोग अशुभ माना जाता है
– श्रावण के धार्मिक महीने में दिन के समय नहीं सोना चाहिए। इस समय को पूजा-पाठ में लगाना चाहिए
– इस महीने में बैंगन खाने की मनाही होती है। इसे अशुद्ध माना जाता है। बैंगन को द्वादशी, चतुर्दशी और कार्तिक मास में भी खाने से मना किया जाता है
– श्रावण के महीने में दूध पीने से भी मना किया जाता  है। दूध से रुद्राभिषेक करना चाहिए, इससे वाट दोषों से मुक्ति मिलती है
– अगर आपको सांड दिख जाए तो उसे मारकर भगाएं नहीं, उसे कुछ खाने को दें। क्योंकि सांड को भगवान शिव का सवारी नंदी का ही रूप माना जाता है
– श्रावण के पवित्र माह में शिव भक्ति करने वाले किसी भी भक्त का अपमान ना करें। बल्कि उनकी सेवा करें, शिव भक्त की सेवा करना भगवान शिव की सेवा करने के समान ही माना जाता है
– इस महीने में खुद को शांत रखें, क्रोध ना करें। गलती से भी किसी को कड़वे या अपशब्द ना बोले। बुजुर्गों का सम्मान करें
– श्रावण के महीने में शिव-पार्वती की पूजा करें। इससे दांपत्य जीवन में सुख मिलेगा। अपने जीवनसाथी के साथ झगड़ा करने या ऊंची आवाज में बात करने से बचें
– श्रावण के पूरे महीने में रात्रि जल्दी सो जाएं और सुबह जल्दी उठकर रोजाना शिव जलाभिषेक करें। इससे कई कष्टों का नाश होता है और भविष्य में सुख ही सुख प्राप्त होता है

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