गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को केरल में विपक्षी गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने यह बयान मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव में दिया।

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष जिस उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति बनाना चाहता है, वही व्यक्ति हैं जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को बढ़ावा देने वाला फैसला सुनाया था। शाह के मुताबिक, यदि सलवा जुडूम के खिलाफ फैसला न आया होता तो 2020 तक वामपंथी उग्रवाद देश से खत्म हो गया होता। उन्होंने आरोप लगाया कि जस्टिस रेड्डी ने विचारधारा से प्रेरित होकर सुप्रीम कोर्ट जैसे सर्वोच्च मंच का इस्तेमाल किया और नक्सलियों के पक्ष में निर्णय दिया।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि केरल खुद नक्सलवाद और उग्रवाद की पीड़ा झेल चुका है। ऐसे में राज्य की जनता जरूर देखेगी कि कांग्रेस पार्टी वामपंथियों के दबाव में आकर किस तरह ऐसे प्रत्याशी को चुन रही है, जिसने नक्सलवाद को परोक्ष रूप से समर्थन दिया था।
अमित शाह का यह बयान न केवल कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन पर सीधा हमला माना जा रहा है, बल्कि यह उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति का भी हिस्सा है। शाह ने जनता से अपील की कि वे यह समझें कि विपक्ष किस प्रकार विचारधारा आधारित राजनीति करते हुए देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर समझौता कर रहा है।