आंध्र राज्य में 3,396 शराब की दुकानों के लिए 90,000 आवेदन, सरकार को 1,800 करोड़ रुपये का राजस्व

लाइव हिंदी खबर :- आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के सत्ता में आने के बाद शराब की दुकानों को फिर से टेंडर के जरिए निजी लोगों को बेचने का फैसला किया गया है. इसके मुताबिक, राज्य भर में कुल 3,396 शराब की दुकानों के लिए आवेदन प्राप्त हुए थे. इससे सरकार को 1800 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने श्वेत पत्र दाखिल कर बताया कि आंध्र प्रदेश में पिछले जगनमोहन रेड्डी शासन के दौरान शराब की बिक्री में भारी भ्रष्टाचार हुआ था. यह भी आरोप है कि जगन के शासन के दौरान, उनके लोगों ने शराब की भट्टियां स्थापित कीं, सस्ती शराब बनाई और इसे सरकारी शराब की दुकानों को ऊंचे दामों पर बेचा। मौजूदा चंद्रबाबू सरकार ने भी इस संबंध में जांच के आदेश दिए हैं.

आंध्र राज्य में 3,396 शराब की दुकानों के लिए 90,000 आवेदन, सरकार को 1,800 करोड़ रुपये का राजस्व

ऐसे में कैबिनेट में आंध्र प्रदेश की तरह सरकारी शराब की दुकानों को खत्म कर एक बार फिर से निजी दुकानों के लिए टेंडर खोलने का फैसला लिया गया. कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन मूल निवासियों की मृत्यु हो जायेगी, उनमें से 10 प्रतिशत को लाइसेंस दिया जायेगा. इसके लिए आवेदनों का स्वागत है। जबकि इसके लिए आखिरी तारीख 12 तारीख घोषित की गई है, बताया गया है कि कुल 3,396 शराब दुकानों के लिए आवेदन से ही सरकार को करीब 1,800 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. करीब 90 हजार लोगों ने आवेदन किया है. आवेदनों से सरकार को 1800 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त हुआ है. अकेले आखिरी दिन 24,014 आवेदन दाखिल किए गए। प्रतियोगिता में अब तक प्रति दुकान औसतन 26 लोग शामिल हैं।

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