लाइव हिंदी खबर :- आयकर विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों 2014-15, 2015-16 और 2016-17 के लिए कांग्रेस पार्टी के आयकर के पुनर्मूल्यांकन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। कोर्ट ने 20 तारीख को इस याचिका पर सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रख लिया. कल जस्टिस यशवन्त वर्मा और पुरुषिन्द्र कुमार गौरव की बेंच ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी.
कांग्रेस पार्टी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई ने सीमाओं के क़ानून का उल्लंघन किया है और आयकर विभाग अधिकतम पिछले 6 मूल्यांकन वर्षों की ही जांच कर सकता है। इसके जवाब में आयकर विभाग ने कहा कि आयकर विभाग ने किसी भी वैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है. बरामद दस्तावेजों के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की 520 करोड़ रुपये से ज्यादा की आय बेहिसाब बताई गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
इससे पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस को नोटिस भेजकर 100 करोड़ रुपये टैक्स भुगतान की मांग की थी, जबकि आकलन वर्ष 2018-19 में कांग्रेस पार्टी की आय 199 करोड़ रुपये से अधिक थी. इस बीच आयकर विभाग ने पिछले महीने कांग्रेस पार्टी के 4 बैंक खाते फ्रीज कर दिए। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी। इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा आयकर विभाग की पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार ने पार्टी के लिए संकट पैदा कर दिया है.