लाइव हिंदी खबर :- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 के अनुसार राज्य में संचालित मदरसों को राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जाती है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के मुताबिक सितंबर से नवंबर 2022 तक पूरे उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसों पर एक अध्ययन कराया गया.
इसमें खुलासा हुआ कि राज्य भर में 15,613 मदरसे चल रहे हैं और 8,441 मदरसे मान्यता प्राप्त नहीं हैं. यह भी सुनिश्चित किया गया कि अधिकांश मदरसों को विदेशों से धन प्राप्त हो। इस संबंध में जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है. इसी बीच मदरसों को लेकर अंशुमान सिंह राठौड़ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में केस दायर कर दिया. मामले की सुनवाई जस्टिस विवेक चौधरी और सुभाष विद्यार्थी ने की और कल अहम आदेश सुनाया.
इसमें कहा गया, ”उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 संविधान के खिलाफ है. यह कानून धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है. उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को दूसरे स्कूलों में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मदरसों को अब राज्य सरकार से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी। मुसलमानों ने कहा कि वे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करेंगे.