लाइव हिंदी खबर :-रायगढ़ . शहर में घटते तालाबों की संख्या और गायब होते कुओं का प्रभाव अब धार्मिक आयोजनों में भी देखा जा रहा है। स्थिति यह है कि देव स्नान के अवसर पर भगवान जगन्नाथ को 108 कुओं के जल से स्नान कराने की परंपरा है। लेकिन शहर में गायब हो चुके कुओं के कारण इस परंपरा में 108 कुओं के जल के स्थान पर 27 कुओं के जल से काम चलाया गया है।
भरत कूप का सहारा
शहर में इस बात की आशंका पहले से थी कि आने वाले समय में शहर के कुएं खत्म हो जाएंगे। इसे देखते हुए सालों पहले सती गुड़ी चौक पर भरत कूप का निर्माण किया गया था। लोगों का कहना है कि इस कूप में 108 कुओं के जल को मिलाया गया है। इन हालात में जहां भी 108 कूप के जल की आवश्यकता पड़ती है वहां इस कूप के जल का इस्तेमाल किया जाता है।
हुआ कार्यक्रम
राजा पारा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में देव स्नान पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा को स्नान करवाया गया। इस अवसर पर 51 पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ जगन्नाथ को स्नान करवाया। इसके बाद तीनों को 65 मीटर लंबे श्वेत वस्त्र पहनाए गए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग मंदिर में मौजूद थे।
हमारे मंदिर में 108 कुओं के जल से स्नान की परंपरा है। अब कुएं कम हो गए हैं इसलिए 27 कुओं के जल को 108 कलश में भरकर इस परंपरा का निर्वहन किया गया।