इस दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना सात पीढ़ियों तक लगेगा पाप

Papmochani Ekadashi Dos And Donts Keep These Things In Mind During Pujaलाइव हिंदी खबर :-हमारे धर्म शास्त्रों में एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। यदि आप अपने किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको विजया एकादशी का व्रत करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलती है।

एकादशी पर भूलकर ना करें ये काम…..

– इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दिन ना तो क्रोध करना चाहिए और ना ही झूठ बोलना चाहिए।

— एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि चावल का सेवन करने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है।

— एकादशी के दिन पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए और शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।

– एकादशी के दिन किसी को भी कठोर वचन नहीं बोलने चाहिए. और ना ही किसी के साथ लड़ाई -झगड़ा करना चाहिए।

— एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति के वंश का नाश होता है।

— एकादशी व्रत में रात को सोना नहीं चाहिए। व्रती को पूरी रात भगवान विष्णु की भाक्ति,मंत्र जप और जागरण करना चाहिए।

— एकादशी व्रत के दिन भूलकर भी चोरी नहीं करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन चोरी करने से 7 पीढ़ियों को उसका पापा लगता है।

— एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए व्रत के दौरान खान-पान और अपने व्यवहार में संयम के साथ सात्विकता भी बरतनी चाहिए।

एकादशी के दिन करें ये काम…..

– एकादशी के दिन दान जरूर करना चाहिए।

– इस दिन गंगा स्नान करना काफी शुभ माना जाता हैै।

– प्रत्येक एकादशी का व्रत रखने पर धन, मान-सम्मान, अच्छी सेहत, ज्ञान, संतान सुख, पारिवारिक सुख,और मनोवांछित फल मिलते हैं।

ऐसे करें विजया एकादशी का व्रत…

— सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और इसके बाद व्रत का संकल्प लें।

— भगवान विष्णु की आराधना करें और भगवान को पीले फूल अर्पित करें।

— घी में हल्दी लगाकर भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने दीपक को जलाएं।

— इसके बाद पीपल के पत्ते पर दूध और केसर से बनी मिठाई भगवान को चढ़ाएं।

— शाम को तुलसी के पौधे के सामने भी घी का दीपक जलाएं।

— भगवान विष्णु को केले चढ़ाएं और भगवान विष्णु की आराधना के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें।

— सुबह पूजा के बाद फलाहार कर पूरा दिन व्रत रखें।

— द्वादशी तिथि को व्रत खोलें और प्रसाद का वितरण करें।

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