योग में इलाज
इस समस्या से बचने के लिए हलासन और मत्स्यासन किया जा सकता है। दोनों ही आसनों का प्रभाव गर्दन पर पड़ता है, जो थायराइड ग्रंथियां सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।
पीसीओडी
महिलाओं में इन दिनों पीसीओडी यानी पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंडोम डिजीज काफी देखने को मिल रही है। जब महिलाओं की ओवरी या एड्रिनल ग्रंथि सामान्य से ज्यादा पुरुषों के हॉर्मोन का निर्माण करने लगे तो इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। पीसीओडी में मासिक धर्म का अनियमित या न होना, शरीर और चेहरे पर अत्यधिक बाल उगना, गंजापन बढऩा, ओवेरियन सिस्ट जैसे लक्षण दिखते हैं।
योग में है इलाज
धनुरासन और भुजंगासन इस बीमारी को दूर करने में सहायक हो सकते हैं। धनुरासन जहां प्रजनन अंगों को प्रभावित करते हैं, वहीं भुजंगासन ओवरी की गतिविधियों को सक्रिय बनाता है।
डायबिटीज
यह ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति का ग्लूकोज स्तर बढऩे के साथ ही इंसुलिन का निर्माण कम हो जाता है और शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं मिलने से व्यक्ति का मेटाबोलिक सिस्टम बिगड़ जाता है। बार-बार पेशाब आना और प्यास लगना, अत्यधिक भूख लगना और थकान व चक्कर जैसे लक्षण अक्सर डायबिटीज के मरीजों में देखने को मिलते हैं।
योग में है इलाज
अर्ध मत्स्येंद्रासन और चक्रासन इस रोग से राहत दिला सकते हैं। दोनों ही आसन शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में लाभकारी होते हैं।
पेट से जुड़ी बीमारी
अपच, कब्ज, डायरिया, गैस्ट्राइटिस या अन्य पेट संबंधित गड़बड़ी से राहत के लिए भी कई योग आसन किए जा सकते हैं। ऐसी बीमारी में अक्सर पेट फूलना, जी मिचलाना, वजन का कम होना, गैस जैसी समस्याएं सामने आती हैं।
योग में है इलाज
इसमें पश्चिमोत्तासन और हस्तपादासन किया जा सकता है। कब्ज, अपच, पेट फूलना और एसिडिटी आदि से राहत दिलाने के साथ सिस्टम से विषैले तत्वों को हटाने व पाचन सुधारने में मददगार।
गठिया
जोड़ों में दर्द, अकडऩ और संबंधित अंगों का सही तरीके से नहीं घुमा पाना गठिया का लक्षण होता है। यह खासतौर पर 65 से अधिक आयु के लोगों में ज्यादा दिखाई देता है। इन दिनों यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों में देखी जा सकती है।
योग में है इलाज
शिशुआसन और अधो मुख शवासन इस रोग में लाभकारी हो सकते हैं। वर्टिब्रा को सीधा रखने में शिशुआसन और अधोमुख शवासन शरीर का लचीलापन बढ़ाने के साथ रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है।
निचले कमर में दर्द
लंबे समय तक बैठे रहने या सही पोश्चर में नहीं सोने, उठने से ऐसी परेशानी हो रही है। ज्यादा समस्या होने पर बुखार और ठंड लगना, मूत्र त्यागने में असुविधा होना, पेट में लगातार और तेज दर्द होना जैसे लक्षण सामने आने लगते हैं।
योग में है इलाज
सुप्त मत्स्येंद्रासन और वृक्षासन से निचले कमर दर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है। दोनों ही आसन रीढ़ की हड्डी और शरीर का संतुलन बनाने में लाभकारी होते हैं।
माइग्रेन
हाइपएक्टिविटी, सिर के एक या दोनों हिस्सों में तेज दर्द होना, कई बार गंध से उल्टी या जी मिचलाना जैसे लक्षण माइग्रेन में नजर आते हैं। यह एक क्रक्रॉनिक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें सिर में बहुत तेज दर्द होता है।
योग में है इलाज
पदमासन और शीर्षासन जैसे योग इसमें लाभकारी होते हैं। पदमासन से जहां दिमाग शांत होता है और सिर दर्द कम होता है। वहीं शीर्षासन से मस्तिष्क तक रक्त का संचार बढ़ता है और इस समस्या से राहत मिलती है।