शोध में कहा गया है कि 50 ग्राम अर्थात 12 चम्मच से अधिक चीनी मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और इसकी कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है जिससे आगे चल कर याददाश्त में भी कमी आने का खतरा है। विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता जयंती मनियम और माग्र्रेट मोरिस ने कहा, “हम सब जानते हैं कि नींबू पानी और कोला जैसे मीठे पेय पदार्थ न सिर्फ कमर और दांत के लिए नुकसानदेह होता है लेकिन नवीनतम अनुसंधान में यह पता चला है कि चीनी दिमाग के उस हिस्से पर असर डालती है जो व्यवहार और याददाश्त के लिए जिम्मेदार है।”

PSP: एक जटिल मस्तिष्क रोग - Yuva laiphastail | DailyHuntइसके बाद अलग रखे गये चूहे और चीनी खानेवाले चूहों के दिमाग की बारीकी से जांच की गई तो वैज्ञानिकों ने पाया कि दोनों समूहों के चूहों के मस्तिष्क को काफी नुकसान पहुंचा है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अत्याधिक चीनी के सेवन से न्यूरोन्स के विकास के लिए जिम्मेदार न्यूरोड वन जीन प्रभावित होते हैं जो आगे चल कर अवसाद, तनाव और मूड ङ्क्षस्वग जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने युवाओं को अपनी खान पान की आदतों में बदलाव करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी है।