क्या आप जानते है मां नर्मदा के पूजन का महत्व?

क्या आप जानते है मां नर्मदा के पूजन का महत्व?

लाइव हिंदी खबर :-हिंदू पंचाग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन हर वर्ष नर्मदा जयंती महोत्सव मनाया जाता है। मां नर्मदा के जन्मस्थान अमरकंटक में जयंती उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत में 7 धार्मिक नदियां हैं, जिसमें से मां नर्मदा को भगवान शिव ने देवताओं के पाप धोने के लिए उत्पन्न किया था।

भारत में 7 धार्मिक नदियां हैं जिसमें से मां नर्मदा को भगवान शिव ने देवताओं के पाप धोने के लिए उत्पन्न किया था। माना जाता है कि इसके पवित्र जल में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं। नर्मदा महोत्सव को हिंदुओं द्वारा पर्व के रुप में मनाया जाता है।

नर्मदा जयंती के दिन नदी के सभी तटों को सजाया जाता है और नदी के किनारे साधू-संत हवन करते हैं। इस दिन मां नर्मदा के पूजन के बाद भंडारा आदि किया जाता है और जरुरतमंदों को भोजन करवाया जाता है। नर्मदा जंयती के दिन शाम को नदी किनारे कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

शाम को मां नर्मदा की महाआरती की जाती है। माना जाता है जो भी इस दिन मां नर्मदा का पूजन करते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। माना जाता है कि मां नर्मदा की आराधना के साथ इसमें स्नान करने से अनेक रोगों से छुटकारा मिलता है। इसके लिए दो कथाएं महत्वपूर्ण रुप से प्रचलित हैं।

एक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव गहरी तपस्या में लीन थे। इसमें उनके शरीर में से पसीना निकलने लगा और नदी के रुप में बहने लगा। भगवान शिव में से निकले इस पसीने के कारण से ही नर्मदा नदी का निर्माण हुआ।

एक अन्य कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी किसी बात को लेकर बहुत परेशान थे और तभी उनकी आंखों से आंसु की दो बूंदें गिरी, जिससे दो नदियों का जन्म हुआ। एक नदी को नर्मदा कहा गया और दूसरी नदी को सोन। इसके अलावा नर्मदा पुराण में नर्मदा नदी को रेवा कहे जाने के बारे में भी बताया गया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top