मिथक : खाना खाने के बाद पानी पीना जरूरी।
सच : पानी भोजन को पचाने के लिए विलायक का कार्य करता है। इसलिए भोजन से पहले पानी पीना तो ठीक है लेकिन भोजन के दौरान चार-छह घूंघट से ज्यादा पानी पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। इसलिए भोजन के कम से कम एक घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।
मिथक : रोजाना आठ गिलास पानी पीने से सुंदरता बढ़ती है।
सच : हमारे शरीर के औसतन 40 लीटर पानी में से रोजाना 3 से 4 लीटर उत्सर्जन के रूप में बाहर निकल जाता है और उसकी क्षतिपूर्ति के लिए उतना ही पानी पीना जरूरी होता है। पानी गंदगी को बाहर निकालकर शरीर को स्वस्थ्य बनाता है न कि सुंदर।

फायदे : पानी हमारे शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। इससे शरीर का पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या नहीं रहती। पानी कोशिकाओं को नई ऊर्जा देता है और उनका विकास करता है। पानी का संबंध हमारी किडनियों से होता है। पानी से ही किडनियां ब्लड को प्यूरीफाई कर पाती हैं। नैचुरोपैथी के अनुसार सुबह उठकर पांच से छह गिलास पानी पीने से कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसे रोग दूर होते हैं।

सावधानी : कभी भी खड़े होकर पानी ना पीएं, इससे घुटनों में दर्द की शिकायत हो सकती है।
इनमें भी पानी : कई लोग अक्सर हर पांच मिनट में पानी का सिप लेते हैं ताकि डिहाइड्रेशन न हो। ऐसा करना जरूरी नहीं क्योंकि हम रोजाना जो चीजें खाते हैं, उनमें भी पानी की पर्याप्त मात्रा होती है। मसलन 100 ग्राम सेब में 84.5 ग्राम पानी होता है। 100 ग्राम अंगूर में 81.8 ग्राम पानी होता है। 85 ग्राम स्वीट कॉर्न में 59.42ग्राम पानी होता है। 220 ग्राम टमाटर के सूप में 185.24 ग्राम पानी होता है।