गुरु और शनि के साथ रहेगा 5 शुक्रवार का शुभ संयोग, जानिए इसका असर

varshik rashifal 2021 yearly horoscope of all 12 zodiac signs all you need to know about rashi ke anusar shani mangal guru rahu ka prabhav and yearly panchang vrat tyohar festvial rdy |लाइव हिंदी खबर :-हिंदू कैलेंडर में हर तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह का प्राकट्य होता है, जिसे अधिकमास या पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इस माह का विशेष महत्व है। संपूर्ण भारत की हिंदू धर्मपरायण जनता इस पूरे मास में पूजा-पाठ, भगवतभक्ति, व्रत-उपवास, जप और योग आदि धार्मिक कार्यों में संलग्न रहती है।

इस मास की गिनती मुख्य महीनों में नहीं होती है। ऐसी कथा है कि जब महीनों के नाम का बंटवारा हो रहा था तब अधिकमास उदास और दुखी था। क्योंकि उसे दुख था कि लोग उसे अपवित्र मानेंगे। ऐसे समय में भगवान विष्णु ने कहा कि अधिकमास तुम मुझे अत्यंत प्रिय रहोगे और तुम्हारा एक नाम पुरुषोत्तम मास होगा जो मेरा ही एक नाम है। इस महीने का स्वामी मैं रहूंगा। उस समय भगवान ने यह कहा था कि इस महीने की गिनती अन्य 12 महीनों से अलग है, इसलिए इस महीने में लौकिक कार्य भी मंगलप्रद नहीं होंगे।

पंडित शर्मा के अनुसार इस साल का पुरुषोत्तम मास कई मायनों में खास है। ऐसे में जहां आश्विन का अधिकमास 19 साल पहले 2001 में आया था, लेकिन लीप ईयर के साथ अश्विन में अधिकमास 160 साल पहले 2 सितंबर 1860 को आया था। वहीं इसके अलावा इस बार इस माह में धर्म और ज्ञान का ग्रह बृहस्पति और इसके साथ शनि अपनी ही राशि में रहेंगं। इस तरह अन्य ग्रहों की स्थिति भी अनुकूल होने से ये महीना कई लोगों के लिए शुभ रहेगा। साथ ही इस महीने में 5 शुक्रवार का संयोग भी बन रहा है।

अधिक मास में खरीदारी और शुभ कामों का पूरा फायदा मिलेगा। ऐसे में ये महीना खरीदारी, निवेश, लेन-देन और अन्य कामों में शुभ फल देने वाला रहेगा।

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और शुक्रवार का संयोग
इस बार अधिक मास की शुरुआत शुक्रवार से हुई है। इस दिन की कारक देवी मां लक्ष्मी हैं। वहीं इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र भी है। ज्योतिष ग्रंथों में इसे जल्दी फल देने वाला नक्षत्र माना जाता है। इसलिए उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में अधिक मास शुरू होने के कारण इस महीने में समृद्धि और सुख बढ़ेगा। उत्तराफाल्गुनी ध्रुव यानी स्थिर नक्षत्र है। इसलिए इस नक्षत्र में शुरू होने वाले इस महीने में शुभ काम करने से उनका फल और सुख लंबे समय तक मिलता है। इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य होने से अधिक मास में नियम-संयम से रहने पर बीमारियां दूर होंगी।

धन और हर तरह का सुख देता है पुरुषोत्तम मास
पंडितों व जानकारों के अनुसार अधिक मास के दौरान नियम और संयम से रहना चाहिए। इस दौरान बुरे कामों से दूर रहकर भगवान के करीब आने का मौका मिलता है। इस पवित्र महीने में भगवान के प्रति समर्पित भावना से की गई भक्ति और त्याग से भगवान प्रसन्न होते हैं। इससे धन, पुत्र, समृद्धि और कई तरह के सुख का आशीर्वाद मिलता है।

अधिक मास : शुक्रवार का संयोग
इस बार अधिक मास का पहला और आखिरी दिन शुक्रवार रहेगा। वहीं इस महीने में 5 शुक्रवार का होना भी शुभ है। जानकारों के अनुसार जिस महीने में पांच शुक्रवार पड़ते हो वो महीना बहुत ही शुभ माना जाता है। उस महीने में फसलों की पैदावार अच्छी होती है और किसी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही सुख बढ़ता है। इस अधिमास की अमावस्या भी शुक्रवार को रहेगी। ज्योतिष के संहिता ग्रन्थों के अनुसार अमावस्या शुभ वार को हो तो धन और धान्य के साथ लोगों का सुख भी बढ़ता है।

शुक्र के प्रभाव से यह खरीदारी रहेगी शुभ
शुक्र का प्रभाव बढ़ने से अधिक मास में नया पलंग, सोफा और घर का फर्नीचर खरीदा जा सकता है। इस महीने कपड़े, ज्वेलरी, ब्यूटी पार्लर और अन्य साजो सामान की खरीदी भी शुभ है। शुक्र का प्रभाव ज्यादा होने से इस महीने में व्हीकल और प्रॉपर्टी की खरीदी करना भी शुभ रहेगा। इनके अलावा गाने-बजाने और नाचने के सामान, खेती, बाग-बगीचे से जुड़ी चीजें, रत्न और अन्य सुख देने वाली चीजों की खरीदी करना शुभ रहेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top