लाइव हिंदी खबर :- पिछले रविवार को जम्मू-कश्मीर के किस्तवार जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में सेना अधिकारी राकेश कुमार शहीद हो गए थे। उनका पार्थिव शरीर कल हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में उनके पैतृक गांव बारोंग लाया गया। उस वक्त पूरा गांव गम में डूबा हुआ था. जय हिंद के भावुक नारे लगाते हुए उनके परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों सभी ने नम आंखों से राकेश कुमार के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी.
राकेश कुमार का सपना बारिश से क्षतिग्रस्त अपने घर को दोबारा बनाने का था. लेकिन तब तक आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उनकी मृत्यु हो गई, जिससे उनके परिवार में बहुत दुख हुआ। राकेश कुमार के भाई करम सिंह ने कहा कि पिछले साल मानसून के दौरान हमारा दस कमरों वाला पैतृक घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद हम फिलहाल किराये के मकान में रह रहे हैं.
डेढ़ माह पहले छुट्टी पर आए राकेश ने जनवरी में नए मकान का निर्माण शुरू कराने का वादा किया था। याकर मलका ने कहा, “तब तक नियति ने अपनी भूमिका निभा दी थी। गौरतलब है कि मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के जूनियर कमीशंड ऑफिसर नायब सूबेदार राकेश कुमार अपनी पत्नी बनुप्रिया, बेटी यशविनी (13), बेटे प्रणव (7) और अपनी 90 वर्षीय मां पति देवी के साथ रहते थे।