उपवास के दौरान ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेना फायदे मंद होता है। नारियल पानी के अलावा हर्बल चाय ले सकते हैं। ये शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर आंतों की सफाई करती हैं जिससे इलेक्ट्रोलाइट्स ( सोडियम, पोटैशियम आदि मिनरल्स) का संतु लन बना रहता है। को शिश करें कि भोजन में भी पौष्टिक ची जों के अलावा कोई एक तरल पदार्थ जरूर लें।
पेट सेहतमंद
पारंपरिक और सात्विक आहार के अनु सार फल, लस्सी, छाछ, नींबू पानी, सेंधा नमक आदि खाने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है और कब्ज व डिहाइड्रेशन की आशंका कम हो जाती है। उपवास रखने के दौरान रोग प्रति रोधक तंत्र का शुद्धि करण होता है। ऐसे में पुरानी कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने के साथ ही नई कोशिकाओं का नि र्माण होता है। इस स्थिति में बढ़ती उम्र का असर धीरे-धीरे कम हो ता है और कोशिका ओं को होने वाली क्षति में भी कमी आती है। उपवास के दिन फलाहार या सागार खा ने से आंतों को खा ना पचाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती जिससे पेट स्व स्थ रह ता है।

मजबूत होता है एंडोक्राइन सिस्टम
हम जो भी खाते हैं उसका सीधा असर शरीर की प्रमुख गं्रथियों पर होता है। ज्यादातर रोगों के कारणों में एक कारण हार्मोन्स में गड़बड़ी भी आता है। इसलिए अनुशासित तरीके से सही भोजन करने से प्रमुख गं्रथियां (एंडोक्राइन सिस्टम) सुचारू कार्य करती हैं जिससे सभी अंगों की कार्यप्रणाली भी सही रहती है।