लाइव हिंदी खबर :- झारखंड प्रदेश कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के घर पर प्रवर्तन विभाग ने छापेमारी कर नकदी जब्त की. झारखंड में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन का शासन चल रहा है. कांग्रेस पार्टी से आने वाले आलमगीर आलम ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने कल राजधानी रांची में उनके सहयोगी संजीव लाल के घर पर छापेमारी की. फिर एक कमरे में पैसे जब्त कर लिये गये.
चूँकि इतना पैसा था इसलिए उसे गिनने के लिए 6 मशीनें लायी गयीं। चूंकि मशीनें बिना रुके काम कर रही थीं, उनमें से कुछ खराब हो गईं। इसके बाद अधिकारियों ने कहा कि नई मशीनें लाई गई हैं और पैसे गिनने का काम चल रहा है. पैसे गिनने की प्रक्रिया 12 घंटे से ज्यादा समय तक चली. अधिकारियों ने बताया कि अब तक 30 करोड़ रुपये की गणना की गयी है. वीरेंद्र के राम झारखंड राज्य ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने जानकारी दी है कि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल से हुई पूछताछ के आधार पर उनके घर की तलाशी ली गयी.
मामले की पृष्ठभूमि: झारखंड ग्रामीण विकास विभाग में रिश्वत लेने के मामले में सुरेश प्रसाद वर्मा नाम के जूनियर इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया है. नवंबर 2019 में राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी। उन पर हुई जांच में पता चला कि उन्होंने अपने चचेरे भाई आलोक रंजन के नाम पर संपत्ति जमा की है. आगे की जांच में पता चला कि सुरेश प्रसाद वर्मा का संबंध ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र के राम से था. मंत्री के खिलाफ हुई जांच के आधार पर अब उनके सचिव फंस गये हैं.
झारखंड में 13 तारीख से 4 चरणों में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में मंत्री के सचिव के घर से करोड़ों की रकम बरामद होने से सनसनी मच गई है. झारखंड प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कहते हैं, ”जब मंत्री के घर में इतना पैसा फंसा है तो मंत्रियों के घर में कितना पैसा है?” लेकिन वे परेशानी पैदा करने के लिए प्रवर्तन विभाग को दोषी ठहरा रहे हैं।”