नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने रविवार को कहा कि यह एक बेहद सराहनीय प्रयास है। उन्होंने राष्ट्रीय परशुराम परिषद के प्रवक्ता के रूप में समाज को संदेश देते हुए कहा कि हमें अपने धार्मिक मूल्यों और परंपराओं के प्रति हमेशा जागरूक और सम्मानपूर्ण रहना चाहिए।

बेरी ने स्पष्ट किया कि किसी भी समाज की असली ताकत उसकी संस्कृति और आस्था में होती है। इसलिए यह जरूरी है कि लोग न केवल अपने देवताओं का आदर करें बल्कि दूसरों की आस्था का भी सम्मान करें। उन्होंने कहा कि आजकल कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जब लोग देवताओं और धार्मिक प्रतीकों का चित्रण अपनी इच्छानुसार करने लगते हैं। यह प्रवृत्ति समाज में तनाव और विवाद को जन्म देती है, जिसे हर हाल में रोकना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि हमारे देवताओं, संतों और महापुरुषों का चित्रण केवल परंपरागत मान्यताओं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होना चाहिए। इसके साथ ही समाज के प्रत्येक वर्ग को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वह धार्मिक आस्था का मजाक उड़ाने या गलत तरीके से प्रस्तुत करने जैसी गतिविधियों का हिस्सा न बने।
बेरी ने युवाओं से भी अपील की कि वे सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी तरह की भ्रामक या अपमानजनक सामग्री को बढ़ावा न दें। उन्होंने कहा कि धार्मिक सम्मान और सामाजिक सौहार्द ही भारत की असली पहचान है और इसे सुरक्षित रखना हम सबका कर्तव्य है।