लाइव हिंदी खबर :- माना जाता है कि हमेशा सच्चे और अच्छे दोस्त की पहचान बुरे समय में होती है। इतना ही नहीं इंसान के सामने कभी-कभी ऐसा वक्त आता है कि जब उसको अपने रिश्तेदारों में से दोस्त को चुनना पड़ता है। कहा जाता है कि “गुरु से कपट मित्र से चोरी। या होई निर्धन या होई कोढ़ी।।” मतलब है कि अगर कोई अपने गुरु को धोखा देता है और मित्र से चोरी करता है तो ऐसे व्यक्ति या तो निर्धन होते हैं या कोढ़ी। जब भी सच्चे मित्र की बात होती है तो सबसे पहले श्रीकृष्ण और सुदामा का जिक्र आता है। दुनिया में उनकी सच्ची दोस्ती की मिसाल दी जाती है। लेकिन सच्चा मित्र कैसा होता है और आपको आज के कलियुग में किस तरह अपने लिए सही दोस्त चुनना चाहिए, जानें इस विषय पर महाभारत काल के ‘विदुर’ ने विदुर नीति में क्या लिखा है।
दोस्त के अवगुण को जरुर बताएं
महात्मा विदुर के कई सूत्र आज भी प्रचलित हैं जो आज के समाज पर काफी प्रभाव डालते हैं। इन सूत्रों को विदुर नीति कहा जाता है। इसी नीति में से कुछ सूत्र दोस्ती के लिए बताए गए हैं। इसमें से पहला है- सच्चा मित्रा वही है जो अपके अवगुणों के बारे में आपको सचेत करे। कई दोस्त अच्छा बनने के लिए कभी भी आपको आपकी गलतियों के बारे में नहीं बताएंगे। इस तरह के लोग दोस्ती के नाम पर आपके लिए खतरनाक होते हैं।
लोगों के सामने दोस्त की बुराई करने से बचें
सच्चा दोस्त आपको आपकी गलती बताएगा। लेकिन, यदि कोई दोस्त हर किसी के सामने आपकी गलतियों को उजागर करे और उससे आपको शर्मिंदगी महसूस हो तो ऐसे दोस्त का साथ छोड़ दें। ऐसे दोस्तों का मकसद आपका अपमान करके सिर्फ आपकी टांग खिंचाईं या फिर नीचा दिखाने का होता है। अच्छा दोस्त हमेशा आपके अवगुण को अकेले में ही बताएगा।
न करें ज्यादा गुस्सा और घमंड
कहते हैं कि एक दिन इंसान को उसका ही घमंड चकनाचूर कर देता है। घमंडी इंसान से हमेशा बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसे लोग आपको आगे बढ़ने नहीं देते हैं। इन्हें डर होता है कि कहीं आप उनसे आगे ना निकल जाएं। इसके अलावा जिस व्यक्ति को हर छोटी बात पर गुस्सा आता है, उस व्यक्ति से जितना दूर रहा जा सके उतना अच्छा होता है। ऐसे लोगों के बहुत से दुश्मन होते हैं क्योंकि ये अपने शब्दों से हर किसी को चोट ही पहुंचाते हैं। तो ध्यान रहे कि आप इस तरह के लोगों को अपना मित्र ना बनाएं।