लाइव हिंदी खबर :- सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों में कार्रवाई और अयोग्यता को लेकर प्रस्तावित बिल पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर जदयू ने पलटवार किया है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव, जो कभी नैतिकता, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की बातें करते थे, आज खुद ही भ्रष्टाचार के मामलों में घिरे हुए हैं।

प्रसाद ने कहा, “तेजस्वी यादव आईआरसीटीसी मामले में ट्रायल फेस कर रहे हैं और नियमित रूप से अदालत में पेश हो रहे हैं। उनके पिता और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पहले ही चारा घोटाले में दोषी करार दिए जा चुके हैं। ऐसे में इनसे नैतिकता और पारदर्शिता की उम्मीद करना बेमानी है।”
जदयू प्रवक्ता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। जबकि विपक्ष के नेताओं का रिकॉर्ड बताता है कि वे केवल जनता को गुमराह करने और व्यक्तिगत लाभ के लिए राजनीति करते हैं।
बिल को लेकर हो रही राजनीतिक बहस ने बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ा दी है। जहां एनडीए इसे लोकतंत्र को शुद्ध करने की दिशा में अहम कदम बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे सत्ता पक्ष का हथियार मानकर सवाल उठा रहा है। अब देखना होगा कि संसद में इस बिल पर चर्चा किस दिशा में आगे बढ़ती है।