लाइव हिंदी खबर :- कौन नहीं चाहता कि भगवान हमसे खुश न रहे। हर मनोकामना पूरी हो और खुशियां हमारे पक्ष में आएं। इसके कारण देवताओं की पूजा की जाती है। कुछ लोग सुबह और शाम भक्ति में लीन होते हैं फिर भी भगवान उनके द्वारा नहीं बरसते हैं। अपनी गलती को समझना बहुत मुश्किल है जब आप पूरी निष्ठा के साथ प्रार्थना करते हैं तब भी आपको वांछित परिणाम नहीं मिलते हैं। इस मामले में शास्त्र आपकी सहायता कर सकते हैं। ग्रंथों और शास्त्रों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं अगर पूजा में ध्यान नहीं दिया जाता है। तो इसका लाभ नहीं मिलता है।
अगर आप भी भगवान की कृपा पाने के लिए बेताब हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें, क्योंकि इसमें हम पूजा से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। सभी को उनका ध्यान रखना चाहिए।
बिना स्नान किए तुलसी को न छुएं
तुलसी को हिंदू धर्म में देवी का दर्जा दिया जाता है। इसके कारण स्नान के बिना तुलसी को छूना या तोड़ना निषिद्ध है। मान्यताओं के अनुसार बिना स्नान किए तुलसी भगवान को नहीं चढ़ाई जाती है। इससे हमें पाप लग जाता हैं और दुख आने शुरू हो जाते हैं।
इस समय में तुलसी तोड़ना वर्जित है
ग्रंथों के अनुसार रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति और शाम को तुलसी को तोड़ना निषिद्ध है। ऐसा करने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। अगर आप भी यह गलती करते हैं तो तुरंत सतर्क हो जाएं। वरना बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं
इस तरह से सूर्य देव को अर्घ्य न दें
हिंदू धर्म में शंख का बहुत महत्व है और इसका उपयोग पूजा में किया जाता है। ऐसी स्थिति में कई लोग अर्घ्य अर्पित करने के लिए शंख का उपयोग करते हैं लेकिन यह गलत है। सूर्य देव को शंख से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। इसके लिए तांबे के लौटे का उपयोग करना शुभ होगा। और हमें यही करना शुभ माना गया हैं।
सबसे पहले पंचदेव की पूजा करें
भगवान गणेश, भगवान सूर्य, देवी दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु को पंचदेव का दर्जा प्राप्त है। शास्त्रों के अनुसार हवन-पूजन करने से पहले पंचदेव की पूजा करना अनिवार्य है। यदि उनकी रोजाना पूजा करना संभव नहीं है तो उन्हें याद करें और दिन की शुरुआत करें। ऐसा करने से आपके किसी भी कार्य में बाधा नहीं आएगी।
दूर्वा से जुड़ी खास बातें
भगवान श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाना शुभ होता है लेकिन देवी दुर्गा को अर्पित करना निषेध है। इसलिए देवी दुर्गा की पूजा में दुर्वा का उपयोग बिलकुल भी न करे। इसके अलावा रविवार को दुर्वा को तोड़ने से बचें ऐसा करने से अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
इन धातुओं में गंगा जल न रखें
गंगा के पानी को प्लास्टिक की बोतलों, एल्युमीनियम और लोहे से बने बर्तनों में नहीं रखना चाहिए। इन सभी धातुओं को अपवित्र माना जाता है। बेहतर होगा कि आप उनकी जगह तांबे के बर्तन में गंगा जल रखें। जिससे आपके ख़ुशी बरकार रहती हैं।