लाइव हिंदी खबर :- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा यह स्पष्ट किया है कि कानून के सामने सभी नागरिक समान हैं और प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए भी वे किसी विशेष छूट के पक्षधर नहीं हैं।

रिजिजू ने हाल ही में संसद में पेश उस विधेयक का ज़िक्र किया, जिसके तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार होने पर किसी भी सांसद को पद से हटाया जा सकेगा। इस बिल को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे, लेकिन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं इस बात पर अडिग हैं कि लोकतंत्र में जवाबदेही सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा कि वे भी एक नागरिक हैं और यदि किसी स्थिति में कानून की गिरफ्त में आएं तो उन्हें भी विशेष छूट नहीं मिलनी चाहिए। यही वास्तविक लोकतांत्रिक भावना है।”
रिजिजू ने बताया कि इस बिल का उद्देश्य संसद की गरिमा बनाए रखना और जनता का भरोसा मजबूत करना है। लंबे समय से यह मांग उठ रही थी कि गंभीर अपराधों में संलिप्त सांसदों और विधायकों को विशेषाधिकार या पद का संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दल इस सुधारात्मक कदम का विरोध कर रहे हैं क्योंकि वे हमेशा कानून से ऊपर रहने की मानसिकता रखते हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी की सोच ने यह साफ कर दिया है कि प्रधानमंत्री पद हो या कोई और जिम्मेदारी – कानून सब पर समान रूप से लागू होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय लोकतंत्र में जवाबदेही और पारदर्शिता को नई दिशा देगा और राजनीतिक व्यवस्था में जनता का विश्वास और मज़बूत करेगा।