भस्मासुर के खौफ से यहां छिप के बैठे थे शिव शम्भू, यहाँ विस्तार से पढ़ें कहानी

भस्मासुर के खौफ से यहां छिप के बैठे थे शिव शम्भू, यहाँ विस्तार से पढ़ें कहानी

लाइव हिंदी खबर :- भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में महादेव के भक्तों की संख्या अनगिनत है। विश्व के लगभग हर प्रान्त में लोग भगवान शिव के प्रति अपनी अपार श्रद्धा रखते हैं। बात अगर अपने देश की हो तो यहां के मंदिरों में कई ऐसे लोग मिलेंगे जो भक्तों को शिव से संबंधित पौराणिक कथाओं के बारे में कहते हुए पाए जाते हैं। आज हम भी आपके सामने शिवजी से जुड़े कुछ तथ्यों का उजागर करने जा रहे हैं।

हम यहां बात कर रहे हैं जोगेश्वर धाम के बारे में, ये बुंदेलखंड के बांदकपुर में स्थित है,जहां स्थित स्वयंभू शिवलिंग का आकार दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। लोगों का ऐसा कहना है कि पहले इस शिवलिंग का आकार मुठ्ठी भर था लेकिन अब इसे हाथों में समेटना मुश्किल हो गया है। बता दें जोगेश्वर धाम जाने का रास्ता रूपनाथ धाम से होकर गुजरता है। रूपनाथ मंदिर की सीढ़ीयों से आगे बढ़ने पर एक छोटा सा मंदिर दिखता है जो कि पहाड़ के बीच में बना हुआ है। इस स्थान के बारे में लोगों का कहना है कि ये वहीं स्थान है जहां भस्मासुर से बचने के लिए महादेव ने शरण ली थी।

उस काल में ये जगह एक गुफा थी जो अब एक मंदिर में परिवर्तित हो गई है। इस मंदिर में एक शिवलिंग है जिसे स्वयंभू के नाम से जाना जाता है। इस शिवलिंग के बारे में ऐसी मान्यता है कि शिवजी के इस स्थान से चले जाने के बाद ये जमीन से अपने आप निकला था और तब से आज तक लोगों का इस जगह के प्रति अपार श्रद्धा है। इस शिवलिंग के पीछे एक गुफा का रास्ता है जो कि बांदकपुर तक जाता है और मान्यताओं के अनुसार इसी रास्ते से होकर शिवजी बांदकपुर तक गए थे। अब ये रास्ता बंद हो गया है।

इस गुफा रास्ते के बारे में यहां लोग कहते हैं कि कलियुग के शुरू होते ही पत्थरों के खिसकने से ये जगह बंद हो गई थी लेकिन अभी कुछ समय पहले तक ये जगह थोड़ी सी खुली हुई थी जहां लोगों का आना-जाना भी था। बता दें इस गुफा के रास्ते से बांदकपुर तक की दूरी 15 किलोमीटर तक है। इस बात की पुष्टि यहां के गांववालों ने की।

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