लाइव हिंदी खबर :- जानकारी मिली है कि दूसरी बार मंगल ग्रह पर भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यान में लैंडर, रोवर और ड्रोन शामिल होंगे। इसरो के कुछ वैज्ञानिकों ने कहा कि मंगल ग्रह का पता लगाने के लिए भेजा गया मंगलयान अंतरिक्ष यान 8 वर्षों तक ग्रह के चारों ओर घूम चुका है और इसका अच्छी तरह से अध्ययन कर चुका है। इसमें हमें कई दुर्लभ जानकारियां मिली हैं. अब मंगलयान-2 परियोजना अपनी मियाद खत्म होने के बाद क्रियान्वित होने जा रही है.
इस बार मंगल ग्रह पर भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यान में जांच के तौर पर एक लैंडर भी शामिल होगा। इसके साथ एक रोवर और एक रोटोकॉप्टर (ड्रोन) भी भेजा जाना है। इसमें रोवर वाहन के जमीन पर रेंगने और ड्रोन के उड़ने की तरह ही शोध कार्य करने की योजना है। हमारा रोटोकॉप्टर NASA के Ingenuity ड्रोन की तरह डिजाइन किया जाने वाला है।
इसमें ऐसे सेंसर शामिल होंगे जो मंगल की जलवायु, जैसे आर्द्रता, तापमान, दबाव, धूल की प्रकृति और जीवित जीवों के निशान पर बारीकी से नजर रखेंगे। इस ड्रोन को अधिकतम 100 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके माध्यम से प्राप्त डेटा वैज्ञानिक अनुसंधान और भविष्य की परियोजनाओं के लिए सहायक होगा। ऐसा उन्होंने कहा.