लाइव हिंदी खबर :- मथुरा, उत्तर प्रदेश में संत प्रेमानंद को लेकर आध्यात्मिक गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर संत समाज में विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। इस संदर्भ में आचार्य मधुसूदन महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “श्री रामभद्राचार्य महाराज के ये बयान कि प्रेमानंद महाराज न तो विद्वान हैं, न चमत्कारी हैं और न ही उन्हें कोई ज्ञान है — यह पूरी तरह निराधार और निंदनीय है।”

आचार्य मधुसूदन महाराज ने आगे कहा कि संतों के प्रति इस प्रकार की टिप्पणी न केवल अनुचित है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी देती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संत प्रेमानंद की शिक्षाएं और आशीर्वाद असंख्य भक्तों के लिए मार्गदर्शन का स्रोत हैं और उनके आध्यात्मिक योगदान पर किसी प्रकार का संदेह नहीं किया जा सकता।
उन्होंने संत समाज से आह्वान किया कि इस विषय को लेकर आपसी सम्मान और एकता बनाए रखें, क्योंकि भारतीय संत परंपरा का मूल संदेश ही सद्भाव और आध्यात्मिक उत्थान है।